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CJI NV Ramana: सीजेआई एनवी रमणा का बड़ा बयान- सिर्फ प्रिंट मीडिया जिम्मेदार, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया भूल गए जिम्मेदारी

CJI NV Ramana सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश जस्टिस एनवी रमणा ने झारखंड के सरायकेला के चांडिल और गढ़वा के नगर ऊंटारी के नए सब डिवीजन कोर्ट का आनलाइन उद्घाटन किया। इस उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन रांची के धुर्वा स्थित ज्यूडिशियल एकेडमी में किया गया। कार्यक्रम में पहुंचे जस्टिस एनवी रमणा का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। इस दौरान कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को छात्रवृत्ति योजना का भी लाभ दिया गया।

जज का जीवन नहीं होता है आरामदायक: जस्टिस एनवी रमणा

कार्यक्रम के दौरान अपने लेक्चर में सीजेआई जस्टिस एनवी रमणा ने कहा कि लोगों को ऐसा प्रतीत होता है कि जज का जीवन काफी आरामदायक होता है। ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि जज को दिन रात मेहनत करके ही लोगों को न्याय प्रदान करना पड़ता है।

न्यायपालिका जितनी सुदृढ़ होगी लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा

उन्होंने यह भी कहा कि न्यायपालिका जितनी सुदृढ़ होगी लोकतंत्र उतना ही मजबूत होगा, क्योंकि पहले के समय जज को सिर्फ विवाद का निपटारा करना होता था। लेकिन वर्तमान समय में समाज का हर वर्ग अपनी हर समस्या के लिए जजों की ओर देख रहा है।

सेवानिवृत्त के बाद जजों को सुरक्षा देने की ओर ध्यान दें सरकार

उन्होंने कहा कि यह बड़ी विडंबना है कि जजों को सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें किसी प्रकार की सुविधा और सुरक्षा नहीं दी जाती है। जबकि राजनीतिक और नौकरशाहों को सेवानिवृत्ति के बाद भी सुविधा और सुरक्षा मिलती है। जज उसी समाज में फिर से लौटता है जिसके खिलाफ उसने कई अन्य मामलों में फैसले दिए हैं। ऐसे में उनकी सुरक्षा खतरे में होती हैं। इन मामलों पर भी सरकार को ध्यान देना चाहिए।

इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया वाले भूल गए हैं अपनी जिम्मेदारी

सीजेआई एनवी रमणा ने कहा कि वर्तमान समय में जजों के फैसलों का मीडिया ट्रायल हो रहा है। कुछ लोग तो एजेंडा के तहत काम करते हैं। वर्तमान दौर में प्रिंट मीडिया जिम्मेदार जरूर है, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया अपनी जिम्मेदारी भूल गए हैं। उन्हें अपनी जिम्मेदारी खुद तय करनी होगी। वर्तमान समय में लोग यही समझते हैं कि कोर्ट में लंबित मामलों के लिए न्यायपालिका ही जिम्मेदार है, जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है। अगर जजों की नियुक्ति और न्यायालय के आधारभूत संरचना मिले तो न्यायपालिका में काम तेजी से होगा और मामलों को भी निपटाया जा सकेगा।

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