Uttar Pradesh

UP Chunav: भाजपा ने अखिलेश यादव के बाद शिवपाल को भी घेरा, जसवंतनगर से विवेक शाक्‍य को मैदान में उतारा

इटावा/ मैनपुरी. यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) के दौरान भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच जोरदार जंग देखने को मिल रही है. भाजपा ने मैनपुरी की करहल विधानसभा सीट से सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव के खिलाफ आगरा के सांसद एसपी सिंह बघेल (BJP MP SP Singh Baghel) पर दांव खेला है,

तो इटावा की जसवंतनगर सीट से मैदान में उतरे उनके चाचा और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav) के खिलाफ विवेक शाक्‍य (Vivek Shakya) को टिकट दिया है, जो कि युवा नेता हैं.

बता दें कि भाजपा ने अखिलेश यादव और शिवपाल सिंह यादव के खिलाफ अभी तक प्रत्‍याशी घोषित नहीं किया था, लेकिन सपा प्रमुख के नामांकन के बाद अचानक केंद्रीय मंत्री और आगरा सांसद एसपी सिंह बघेल ने भी पर्चा दाखिल कर दिया.

वहीं, भाजपा सांसद के नामांकन के कुछ देर बाद भाजपा ने तीन प्रत्‍याशियों की लिस्‍ट जारी कर दी है, जिसमें करहल सीट के अलावा इटावा की जसवतंनगर विधानसभा से विवेक शाक्‍य और हमीरपुर से मनोज प्रजापति को टिकट दिया गया है.

जानें कौन हैं विवेक शाक्‍य

भाजपा ने जिस प्रत्‍याशी पर दांव खेला है वह जसवंतनगर विधानसभा के नगला भिखन, पोस्‍ट मलाजनी के रहने वाले हैं. विवेक शाक्‍य के पिता मनोज शाक्‍य इटावा के जाने माने समाजसेवी हैं. यही नहीं, विवेक 2012 से लगातार भाजपा के साथ जुड़े हुए हैं और इस दौरान मोदी सरकार के साथ योगी सरकार की योजनाओं को लेकर जनजागरण का काम किया है.

समाजवादी गढ़ है जसवंतनगर

बहरहाल, जसवंतनगर विधानसभा से भारतीय जनता पार्टी आज तक चुनाव ना जीती हो, लेकिन इसके बावजूद वह अपने विरोधियों को हमेशा कड़ी चुनौती देती रही है. यादव मतदाता बाहुल्‍य वाला यह निर्वाचन क्षेत्र समाजवादी पार्टी के लिए या फिर मुलायम परिवार के लिए मुफीद माना जाता है.

हालांकि भारतीय जनता पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने कई दफा अपने उम्मीदवारों के जरिए प्रभावी ढंग से समाजवादी पार्टी को चुनौती दी है, लेकिन कोई इस किले को भेद नहीं पाया है. वैसे इस सीट पर यादव वोट बैंक के अलावा शाक्य, दलित लोधी और ठाकुर मतदाताओं की भी संख्या निर्णायक रहती है.

बता दें कि मुलायम सिंह यादव पहली दफा 1967 में जसवंतनगर विधानसभा से निर्वाचित हुए थे.उसके बाद से यह सीट लगातार मुलायम सिंह यादव के परिवार के कब्जे में चली आ रही है. जबकि 1996 से मुलायम सिंह यादव के भाई पीएसपीएल के प्रमुख शिवपाल सिंह यादव इस विधानसभा का विधायक के तौर पर प्रतिनिधित्व करते चले आ रहे हैं और छठी बार मैदान में हैं.

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