UP Assembly Election 2022 : UP भाजपा ने 36 फीसदी चेहरे बदले, नई सूची में 20 ब्राह्मण और 18 ठाकुर
Lucknow : भाजपा ने शुक्रवार को 91 विधानसभा क्षेत्रों के प्रत्याशियों की सातवीं सूची जारी कर दी। पार्टी ने एक को छोड़ सभी मंत्रियों को टिकट देकर फिर भरोसा जताया है। 36 फीसदी से ज्यादा नए चेहरों को मौका दिया गया है। 58 फीसदी से ज्यादा सीटों पर मौजूदा विधायक फिर टिकट पाने में सफल रहे। हारी हुई अधिकांश सीटों पर प्रत्याशी बदले हैं।
जातिवार प्रत्याशियों की बात करें तो 91 में से 25 सीटों पर ओबीसी को उतारा गया है। 21 सीटों पर दलित, 20 सीटों पर ब्राह्मण, 18 सीटों पर 18 प्रत्याशी उतारे गए हैं। इसके अलावा 4 पर भूमिहार, 2 पर वैश्य और 1 पर कायस्थ को उतारा गया है। ओबीसी में सबसे ज्यादा 11 टिकट कुर्मी, 3 कुशवाहा, 2 निषाद, एक सुनार, एक राजभर, एक चौरसिया, एक कुम्हार और एक टिकट कलवार को दिया गया है जबकि दलितों में 8 पासी, 4 खटीक, 3 कोरी, 2 बेलदार, 2 धोबी और 2 टिकट कोली समाज को मिले हैं।
एक मंत्री सहित तीन विधायकों के बेटों को और गोसाईंगंज में सदस्यता रद्द होने के बाद खब्बू तिवारी की पत्नी को उतारा गया है। भाजपा ने अपने टिकट वितरण में सामाजिक समीकरणों को साधने के साथ ही महिलाओं के रूप में अपने कोर वोटर का भी खासा ख्याल रखा है। मुकुट बिहारी वर्मा को छोड़ योगी मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों को फिर टिकट मिला है। हालांकि मुकुट बिहारी की जगह उनके बेटे गौरव वर्मा को प्रत्याशी बनाया है। मंत्री श्रीराम चौहान की सीट में बदलाव हुआ है। अब वो धनघटा की जगह खजनी से लड़ेंगे।
भाजपा द्वारा घोषित 91 सीटों में 53 मौजूदा विधायकों को फिर टिकट मिला है जबकि 33 हारी और जीती सीटों पर 33 नए चेहरे दिए गए हैं। हारने वाली पांच सीटों पर पुराने लोगों को ही फिर उतारा है। 15 विधायकों के टिकट काटे गए हैं जबकि सलोन के विधायक दलबहादुर की मृत्यु होने के कारण वहां प्रत्याशी बदला गया है।
तिंदवारी के विधायक बृजेश राजपूत और खलीलाबाद के विधायक जय चौबे बीते दिनों सपा में शामिल हो गए थे। उनकी जगह पार्टी ने नए प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं गोसाईंगंज सीट पर आरती तिवारी को उतारा गया है। आरती वर्ष 2017 में इस सीट से जीतने वाले इंद्रप्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की पत्नी हैं। खब्बू तिवारी को एक मामले में सजा होने के बाद उनकी सदस्यता रद्द हो गई थी।
तीन के बेटों को टिकट
मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के अलावा फाजिलनगर सीट पर मौजूदा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा की जगह उनके बेटे सुरेंद्र कुशवाहा को टिकट मिला है। वहीं बीकापुर सीट पर मौजूदा विधायक शोभा सिंह चौहान की जगह उनके बेटे डा. अमित सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया गया है।
महिलाओं पर पहले से ज्यादा भरोसा, दिए 10 टिकट
महिलाओं को भाजपा का साइलेंट वोटर माना जाता है। पिछले चुनावों में पार्टी को सफलता दिलाने में इनके योगदान को देखते हुए उन्हें घोषित 91 सीटों पर 2017 की तुलना में इस बार ज्यादा टिकट दिए गए हैं। पिछली बार इन सीटों पर सिर्फ 4 महिला प्रत्याशी थीं, जबकि इस बार महिला उम्मीदवारों की संख्या 10 है।
एक दिन पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आने वाले राकेश सचान को भी टिकट
भाजपा ने 2017 में जीतने वाले 15 विधायकों को इस बार टिकट नहीं दिया है। एक दिन पहले भाजपा का दामन थामने वाले पूर्व कांग्रेस सांसद राकेश सचान को भी टिकट दिया गया है। जिन विधायकों के टिकट काटे गए हैं, उनमें बेल्थरा रोड सीट से धनंजय कन्नौजिया की जगह छट्टूराम, बरहज से सुरेश तिवारी की जगह दीपक मिश्रा शाका, रामपुर कारखाना से कमलेश शुक्ला की जगह सुरेंद्र चौरसिया, देवरिया से जन्मेजय सिंह की जगह शलभमणि त्रिपाठी को टिकट दिया गया है।
हाटा से पवन कुमार की जगह मोहन वर्मा, कुशीनगर से रजनीकांतमणि त्रिपाठी की जगह पीएन पाठक, खजनी से संत प्रसाद की जगह श्रीराम चौहान, सहजनवा से शीतल पांडेय की जगह प्रदीप शुक्ला, बलहा से अक्षयवर लाल की जगह सरोज सोनकर, हैदरगढ़ से वैदनाथ रावत की जगह दिनेश रावत, जैदपुर से उपेंद्र सिंह के स्थान पर अमरीश रावत, कोरांव से राजमणि कोली की जगह आरती कोल, फाफामऊ से विक्रमजीत की जगह गुरुप्रसाद मौर्य को उतारा गया है।
भोगनीपुर से विनोद कुमार कटियार की जगह राकेश सचान, बिसवां से महेंद्र सिंह की जगह निर्मल वर्मा शामिल हैं। इनके अलावा सलोन सीट पर विधायक दलबहादुर की मृत्यु होने के कारण अशोक कोरी को टिकट मिला है। जबकि तिंदवारी और खलीलाबाद में भाजपा छोड़ने वालों की जगह नए प्रत्याशी उतारे गए हैं।