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रिफ्रेशमेंट रूम के कारिंदे ने सी.आई.टी. से धक्कामुक्की के बाद की बदसलूकी

  • विवाद बढ़ने पर दोनों ने मेडिकल करवा दी जीआरपी थाने में शिकायत

लुधियाना (ब्यूरो) : रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर बने रिफ्रेशमेंट रूम के करिंदे ने शनिवार शाम को ड्यूटी पर तैनात एक सी.आई.टी. से टिकट पूछे जाने पर भड़क गया। वह अपने रिफ्रेशमेंट रूम की धौंस दिखाते हुए बदतमीजी के बाद हाथापाई पर उतर आया। देखते ही देखते मामला बढ़ गया और रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर हंगामा खड़ा हो गया।

मौके पर मौजूद बाकी टिकट चेकरों ने बीच बचाव करते हुए जैसे तैसे मामला शांत करवाया। लेकिन इसी बीच रिफ्रेशमेंट का ठेकेदार भी वहां पहुंच गया। जिसने अपनी ऊपर तक पहुंच होने की बात कहते हुए अपने कारिंदे से उक्त सी.आई.टी. के खिलाफ सिविल अस्पताल से मेडिकल करवाने के बाद जीआरपी थाने में झूठी शिकायत दर्ज करवा दी। वहीं, दूसरी तरफ सी.आई.टी. ने भी अपना मेडिकल करवाकर थाना जीआरपी में उस कारिंदे और उसे शह देने वाले ठेकेदार के खिलाफ शिकायत दी है।

ये था मामला

शनिवार शाम को रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर रोजाना की तरह अपना काम कर रहे सी.आई.टी. ने एक व्यक्ति को टिकट चेक करवाने के लिए रोक। उक्त युवक ने सी.आई.टी. से अभद्र भाषा में बात करते हुए कहा कि तुम मुझे जानते नही हो क्या, मैं रिफ्रेशमेंट रूम में काम करता हूं। इस पर सी.आई.टी. ने कहा कि अगर मुझे पता होता तो मैं तुझे रोकता न, लेकिन तुम अपने बोलने का तरीका ठीक करो। इसके बाद उस कारिंदे ने तैश में आते हुए उस सी.आई.टी. से बदतमीजी की और हाथापाई पर उतर आया। जिसके बाद मामला बढ़ गया।

ठेकेदार के खिलाफ दस साल पहले हुआ था चोरी का मामला दर्ज

सूत्रों के मुताबिक रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर बनी रिफ्रेशमेंट कैंटीन को आगे की आगे गैरकानूनी ढंग से ठेके पर चलाया जा रहा है। इसे चलाने वाला फर्जी ठेकेदार राजेश कुमार साल 2011 में गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस ट्रेन में चोरी के मामले में मुख्य आरोपी रह चुका है। इस मामले में इसके दो साथी भी शामिल थे।

इनके पास से भारी गिनती में चोरी हुआ सामान बरामद हुआ था। उस समय राजेश अवैध वैंडर के रूप में ट्रेनों में चाय बेचने का काम करता था। पकड़े जाने के बाद इसने अपना काम करने का तरीका बदल लिया और अपने नीचे अनगिनत अवैद्य वेंडरों को शरण देकर लुधियाना, फगवाड़ा तथा जालंधर कैंट स्टेशन पर अपने गौरखधंधे को प्रोफेशनल ढंग से चलाने लगा।

जीआरपी कर्मी के संरक्षण से चलाता है गैरकानूनी धंधे

सूत्रों की मानें तो इस फर्जी ठेकेदार को जीआरपी में तैनात इंस्पेक्टर स्तर के एक पुलिसकर्मी का संरक्षण प्राप्त है, जो कि पर्दे के पीछे रहकर इसे पुलिस से बचाने का काम करता है। इस इंस्पेक्टर के पारिवारिक कार्याक्रमों में फर्जी ठेकेदार की मौजूदगी इनकी जुगलबंदी को प्रमाणित करती है। फर्जी ठेकेदार को कुछ महीने पहले इंस्पेक्टर की बेटी के शादी समारोह में भी देखा जा चुका है। जालंधर स्टेशन पर तैनात ये इंस्पेक्टर पहले लुधियाना स्टेशन पर तैनात था।

उस समय कोरोना कर्फ्यू दौरान फर्जी ठेकेदार ने खुलकर काम किया और जीआरपी इंस्पेक्टर के संरक्षण से अपने गैरकानूनी धंधों को कामयाबी के नये शिखर पर पहुंचाने में कामयाब हुआ। हालांकि उस समय इसका एक साथी अपनी अवैध गतिविधियों को अंजाम देते पकड़ा गया था, लेकिन पूछताछ में ठेकेदार का नाम सामने आते ही जनाब ने मामला दर्ज करने की बजाय उसे जीआरपी थाने से तुरंत फारिग कर दिया। सूत्रों का मानना है कि अगर इनकी पुरानी कॉल डिटेल निकलवाई जाये, तो एक बड़े गड़बड़झाले का पर्दाफाश होना तय है।

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