Politics

प्रजातन्त्र का उत्सव – चुनाव

चर्चा आम है शहर शहर, हर गाँव गाँव
प्रजातन्त्र के उत्सव में, आया चुनाव छाया चुनाव

नेता सब किस्मत अजमाने निकल पड़े
मतदाता के हाथ जोड़ने निकल पड़े
संप्रदाय जाति के वोट बटोरेंगे
भीख वोट की मांगेंगे ये कटोरे में
कौए जैसे चिल्लाएँगे कांव कांव
प्रजातन्त्र के उत्सव में, आया चुनाव छाया चुनाव

आरोप लगेंगे और लगेंगे प्रत्यारोप
पक्ष विपक्ष की होगी रोज ही नोकझोंक
भूल गए सब नेता अपना जन गण मन
एकदूजे को चोर कहेंगे नेतागण
कुए खाई में जनता किसका करे चुनाव
प्रजातन्त्र के उत्सव में, आया चुनाव छाया चुनाव

मंदिर मंदिर घूमेंगे अब नेताजी
हाजरी देंगे मस्जिद में भी नेताजी
निर्धन के घर अब होगा उनका डेरा
दलितों की बस्ती में भी होगा फेरा
मगर नहीं स्थायी उनका ये झुकाव
प्रजातन्त्र के उत्सव में, आया चुनाव छाया चुनाव

नेता मतदाता को खूब लुभाएँगे
नशा अन्न कपड़ा पैसा बटवाएंगे
बनके मसीहा ये गरीब के घूमेंगे
नए नए नारे भी खूब उछालेंगे
नेता के नारे जैसे कागज की नाव
प्रजातन्त्र के उत्सव में, आया चुनाव छाया चुनाव

दलबदलू नेताओं का ये मौसम है
वादों का और घोषणाओं का मौसम है
नहीं मिलता मजदूर काम को गाँव में
भीड़ किराए की उमड़ेगी सभाओं में
दिखेगा बाहुबली गुंडों का भी प्रभाव
प्रजातन्त्र के उत्सव में, आया चुनाव छाया चुनाव

रचयिता
सुरेश रायकवार
मेल – sandhysur@gmail.com

पूरी खबर देखें
Back to top button
error: Sorry! This content is protected !!

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker