पूरनपुर सीएचसी में मरीजों के बीच घूमते आवारा कुत्ते, नहीं चेत रहा स्वास्थ्य विभाग

रिपोर्ट:विकास सिंह
पूरनपुर,पीलीभीत।पूरनपुर सरकारी अस्पताल में इन दिनों आवारा कुत्तों ने अपना घर बना लिया है। जहां अस्पताल में मरीजों और तीमारदारों की सुरक्षा ब्यवस्था भगवान भरोसे है। स्थानीय सीएचसी में दवाएं लेने और आने बाले मरीजों को खुद होशियारी बरतने की आवश्यकता है। वहीं स्थानीय सीएचसी में स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं इन दिनों पटरी से बेपटरी हैं। जहां डॉक्टरों की गैरमौजूदगी में अस्पताल के कमरों पड़े मरीजों के लिए बैड और सीटों पर कुत्ते सोते नजर आ जाएंगे। वही आवारा कुत्तों ने सीएचसी पूरनपुर को अपना आशियाना बना रखा है। वहीं मरीजों के बीच आवारा कुत्ते घूमते नजर आने से अस्पताल में मरीजों की सुरक्षा ब्यवस्था भगवान भरोसे है।दिनोंदिन खराब होती जा रही ब्यवस्थाएं लोगों की हर जुबान पर हैं लेकिन स्थानीय अधिकारी कर्मचारी पूरे मामले से बेखबर हैं। जहां अस्पताल में गंदगी और बेशुमार बदबू से मरीज पहले से ही परेशान थे और अब कुत्तों के काटने का डर भी बना हुआ है। वार्ड में कहीं भी कुत्ते घूम रहे हैं, लेकिन उन्हें भगाने वाला कोई नहीं है। वहीं प्रसव के बाद महिलाओं को वार्ड में शिफ्ट व भर्ती मरीजों को इनके काटने का खतरा लगातार बना रहता है। वहीं प्रदेश के मुखिया व स्वास्थ्य मंत्री लगातार विभाग अधिकारियों कर्मचारियों सख्त हिदायतें दे रहे तो वहीं स्थानीय अस्पताल के डॉक्टरों व कर्मचारियों सुधरने में बक्त लग सकता है जैसा कि तस्वींरें गवाही दे रही हैं। विभाग चाहे लाख दावे करे लेकिन स्थानीय तस्वीरें कुछ और ही वयां करती हैं।
अस्पताल में मरीजो के बीच घूम रहा आवारा कुत्ता कभी भी मरीजों, बच्चों व अन्य लोगों को काटकर जख्मी कर सकता है। लेकिन अस्प्ताल में तैनात चिकित्सक व कर्मचारी इस पर कोई ध्यान नही दे रहे है।पूरनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजो के बीच घूम रहे अनेकों कुत्ते किसी खतरों से इनकार नही किया जा सकता। अस्पताल परिसर के साथ-साथ वार्ड के आसपास और मरीजों के वार्डों में आवारा कुत्ते घूमते फिरते आसानी से देखे जा सकते हैं। हालांकि यह कोई पहली बार नहीं है। इसके पहले भी ऐसी तस्वीर सामने आ चुकी हैं। इन कुत्तों की वजह से अस्पताल में आए मरीजों में अक्सर डर का माहौल बना रहता है। सवाल यह है कि आखिर इन आवारा कुत्ते ने अगर किसी मरीज या बच्चें को निशाना बना लिया तो आखिर इसका जिम्मेदार कौन होगा। वहीं अस्पताल के अन्दर आवारा कुत्ते कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। यही नहीं वार्ड में कभी भी ये कुत्ते नवजातों की सुरक्षा बड़े खतरों से खाली नहीं है।