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GOBARdhan Scheme: बदलेगी गांवों की तकदीर, गोबर से भी पैसा कमाएंगे किसान; जानें क्या है गोबरधन स्कीम

नई दिल्ली, एजेंसी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट के दौरान कई बड़े एलान किए। अपना पांचवां बजट पेश करते वक्त उन्होंने नई योजनाओं की भी घोषणा की। पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक गोबरधन योजना को लेकर भी घोषणाएं की गई हैं।

500 नए ‘वेस्ट टू वेल्थ’ प्लांट होंगे स्थापित

वित्त मंत्री ने कहा कि सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो एग्रो रिसोर्सेज धन) योजना के तहत 500 नए ‘वेस्ट टू वेल्थ’ प्लांट स्थापित किए जाएंगे।

10 हजार करोड़ रुपये का होगा निवेश

उन्होंने बताया कि इनमें शहरी क्षेत्रों में 75 प्लांट सहित 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्लांट 300 कम्युनिटी या क्लस्टर आधारित प्लांट शामिल होंगे। इसके लिए सरकार 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। वित्त मंत्री ने ये भी कहा कि सरकार 1 करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने की सुविधा देगी।

मैंग्रोव का पौधारोपण

इसके अलावा सरकार ‘मिष्टी’ योजना के तहत समुद्र के किनारे मैंग्रोव का पौधारोपण भी करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि सरकार आर्द्रभूमि के अधिकतम उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए एक योजना के माध्यम से संरक्षण मूल्यों को बढ़ावा देगी।

क्या है गोबरधन योजना?

गोबरधन योजना की शुरुआत वर्ष 2018 में हुई थी। योजना का मुख्य उद्देश्य कचरे को कम करना, समग्र स्वच्छता बनाए रखना, खाद के समृद्ध स्रोत का सृजन, अपशिष्ट के ढेर को कम करके स्वच्छता में सुधार लाना, गांव की वायु गुणवत्ता में सुधार लाना, गांव को आत्मनिर्भर स्वच्छ ऊर्जा बनाने में मदद करना, ग्रामीण समुदाय को उद्यमिता के अवसर देना और खाना पकाने के लिए बायोगैस, बायो सीएनजी के माध्यम से स्वच्छ और सस्ता ईंधन उपलब्ध कराना है।

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