स्कूलों में नया सत्र शुरू, चुनिंदा दुकानों से ही किताबें लेना अभिभावकों की मजबूरी.

हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज- फरेन्दा/लक्ष्मीपुर.
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लुट रहे अभिभावक प्रशासन चुप,आठ से दस हजार में आ रहा किताबों का सेट किससे करें शिकायत!
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सीबीएसई के स्कूलों में भी पढ़ा रहे निजी प्रकाशकों की किताबें।
स्कूलों में नया सत्र शुरू होते ही अभिभावकों की परेशानी बढ़ गई है। एक से दो माह की फीस के साथ स्कूलों में डेवलपमेंट फीस के नाम पर ली जाने वाली मोटी रकम भरनी है तो कॉपी-किताब भी खरीदना है। कॉपी- किताब का सेट इतना महंगा है कि उसे खरीदने में अभिभावकों के पसीने निकल जा रहे हैं।
कई निजी स्कूलों में तो पहली व आठवीं कक्षा की किताबों का सेट पांच से दस हजार रुपये पड़ रहा है। उधर, प्रशासन और शिक्षा विभाग इस लूट पर चुप्पी साधे हुए है। इन दिनों सभी पुस्तक विक्रेताओं के यहां लंबी लाइनें लग रहीं हैं। महराजगंज के अलावा फरेंदा, नौतनवां, निचलौल से परिजन बच्चों की किताबें खरीदने चुनिंदा दुकानों पर पहुंच रहे हैं।
स्कूलों द्वारा तय निजी प्रकाशकों की किताबें एनसीईआरटी की किताबों से पांच गुना तक महंगी हैं।अभिभावकों का यही सवाल है कि ऐसी कौन की किताबें स्कूल पढ़ा रहा है जो इतनी महंगी है।इतनें में तो बीए एमए की किताबें भी नहीं आतीं।
महंगी किताबों की नहीं मिली शिकायत.
शिक्षा विभाग कह रहा है कि महंगी किताबों को लेकर कोई शिकायत नहीं मिली है। आए भी कैसे, कोई भी अभिभावक अपने बच्चे के भविष्य से खिलवाड़ नहीं करना चाहता क्योंकि शिकायत के बाद पुस्तक विक्रेता पर कार्रवाई हो न हो, स्कूल बच्चें पर जरूर कार्रवाई कर देगा। ऐसे में सवाल है कि क्या अधिकारियों को खुलेआम हो रही यह लूट दिखाई नहीं दे रही।
अभिभावकों का शोषण हो रहा है। स्कूल और निजी प्रकाशकों के सांठगांठ पर प्रशासन भी चुप है और अभिभावकों के हित के लिए कुछ नहीं कर पा रहा प्रशासन ने निर्देश जारी किए थे कि सभी स्कूलों में एनसीईआरटी की पुस्तकें पढ़ाई जाएंगी, पर कोई भी निजी स्कूल इसका पालन नहीं कर रहा सब अपनी मर्जी से प्राइवेट पब्लिशर की किताबों की सूची अभिभावकों को थमा रहे हैं। नाम न छापने के शर्त पर अभिभावकों ने बताया कि आमजन को अपने पाल्यों को अच्छी शिक्षा दिलाने में भारी-भरकम धन खर्च करना पड़ रहा है।
हिन्दमोर्चा टीम महराजगंज.