अप्रैल में लहलहा रही धान की फसल, नरेंद्र यादव की मेहनत रंग लाई

हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज/ पनियरा.
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मध्य जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह में बोई जाने वाली धान की फसल अप्रैल में ही लहलहा रही है.
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खेती की एक नई मिशाल पेश कर रहे नरेन्द्र यादव.
कहते हैं इरादे बुलंद हों और कुछ अलग करनें की चाहत हो तो कम से कम समय में और कम संसाधनों से भी बहुत कुछ किया जा सकता है और कुछ इसी तरह की सोच रखने वाले महराजगंज के बभनौली बिशुनपुरा गांव के एक व्यक्ति की है जिनके खेतों में मध्य जून से जुलाई के प्रथम सप्ताह में बोई / रोपी जाने वाली धान की फसल अप्रैल में ही लहलहाने लगी है l
पहले तो आपको भी आश्चर्य होगा लेकिन ऐसा हो भी रहा है। पनियरा विकास खंड के बभनौली बिशुनपुरा गांव के 48 वर्षीय किसान नरेन्द्र यादव कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। इतना ही नहीं नरेन्द्र यादव ने धान की दूसरी फसल लेने की तैयारी भी पूरी कर ली है क्षेत्र में यह एक चर्चा का विषय बना हुआ है.
वही लहलहा रही फसल से जब कोई गुजरता है तो अपने आप को उस धान की फसल की ओर आकर्षित करने से नहीं रोक पाता है वही इसे दूसरी तरफ क्षेत्र के लिए यह एक नए प्रयोग के तौर पर भी देखा जा रहा है। ऐसा करने से धान की खेती करने वाले किसान इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। लहलहाती फसल किसानों के लिए आकर्षण का विषय बनी है। वहीं दूसरी ओर मौसम की मार का रोना रोने वाले किसानों के लिए एक नजीर भी है।
बता दें कि मूल रूप से बिशनपुरा ग्राम सभा के निवासी नरेंद्र यादव बभनौली चौराहे पर लगभग दस वर्षों से कृषि बीज भंडार की दुकान चलाते हैं और बड़े ही मन से खेती भी करते हैं तो वही समाज सेवा करने के साथ ही साथ वर्तमान में क्षेत्र पंचायत सदस्य भी है इसके पूर्व इन्होंने आम किसानों की तरह परंपरागत खेती को ही तरजीह दी है लेकिन इस साल इन्होंने गांव के किसानों से हट कर कुछ अलग करने की सोची है.
ऐसे में नरेंद्र यादव ने लगभग 50 डिसमिल में धान की दो फसल लेने के प्रयास पर गंभीरता पूर्वक विचार किया और फरवरी के प्रारंभ में ही भारत 311 बीज का बेहन डाल दिया और 1 माह पूर्व उन्होंने अपने खेत में रोपाई भी करा दी उनके मेहनत रंग लाई और इसमें खेतों में धान की फसल लहलहा रही है.
नरेंद्र यादव ने बताया कि सिचाई का प्रबंध सोलर पैनल के माध्यम से किया गया है भारत 311 बेराइटी का धान बोने के पीछे इसके जल्दी तैयार होने और अच्छी उपज लेने की मंशा है। जल्द पककर तैयार होने वाली इस किस्म की फसल कटने के बाद धान की दूसरी फसल लेने के लिए तैयारी है।
हिन्दमोर्चा टीम महराजगंज.