यह कैसा इंसाफ गैरो पर कार्रवाई अपनों पर रहम, चूक कहे या लापरवाही: मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह को लेकर समाज कल्याण कटघरे में
●फर्जीवाड़ा करने वाले भाई-बहन पर मुकदमा, ग्राम विकास अधिकारी का निलम्बित
हिन्द मोर्चा न्यूज़-लक्ष्मीपुर/महराजगंज मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह कार्यक्रम लक्ष्मीपुर ब्लाक में पांच मार्च को आयोजित कार्यक्रम में जहां 38 वर-वधू दाम्पत्य सूत्र बंधन बंधें थे। जिसमें लक्ष्मीपुर ब्लाक से 15, नौतनवां से 22, नौतनवां नगर पालिका से 1 वर-वधू का वैवाहिक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। जिसमें हिंदू धर्म से 14, बौद्ध धर्म से 20, इस्लाम धर्म से 4 वर-वधू विभिन्न रिति-रिवाज से वैवाहिक बंधन में बंधे। जबकि सामुहिक विवाह के दो बीडीओ नौतनवां व लक्ष्मीपुर के देखरेख में सम्पन्न हुआ। मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह कार्यक्रम समाज कल्याण विभाग से होता है। जिसके लिए एडीओ समाज कल्याण पद पर चन्दन कुमार पाण्डेय की तैनाती भी है। सभी अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों के बीच लक्ष्मीपुर ब्लाक के ग्राम कजरी के भाई-बहन के जो पति-पत्नी के रूप में बौद्ध धर्म से विवाह की सारी प्रक्रिया पूरी की। खुलासा होते ही ब्लाक लक्ष्मीपुर के अधिकारी वर-वधू को दिये समाग्री को वापस लेने व विवाह में मिलने वाली राशि पर रोक लगा दिया। वहीं एडीओ समाज कल्याण अधिकारी चन्दन कुमार पाण्डेय के तहरीर पर फर्जीवाड़ा करने वाले भाई-बहन पर पुरन्दरपुर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।
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जांच के आंच में ग्राविअ का निलम्बन, व मनरेगा टीए को जिले पर अटैच की कारवाई
●अभी हाल ही ग्राम पंचायत कजरी में सचिव पद पर मिलिंद चौधरी की तैनाती हुई। मुख्यमंत्री सामुहिक विवाह कार्यक्रम में लाभार्थियों का सत्यापन घर पर जाकर तस्दीक कर सत्यापन करने का दायित्व ग्राम सचिव का होता है। फर्जीवाड़ा कर भाई-बहन विवाह करने के मामले के खुलासा होते ही ग्राम सचिव को निलम्बित कर दिया गया। वहीं सत्यापन काउंटर पर मनरेगा तकनीकी सहायक इन्द्रेश भारती को ब्लाक से हटाकर जिले से सम्बद्ध कर दिया गया।
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●कारवाई को लेकर उठ रहे हैं सवाल
सत्यापन को प्रथम दृष्टया ग्राम सचिव द्वारा गलत रिपोर्ट पर निलम्बन, वहीं 5 मार्च को सत्यापन काउंटर पर सत्यापन को लेकर मनरेगा तकनीकी सहायक पर कारवाई की गयी। वहीं विवाह कार्यक्रम से पूर्व समाग्री वितरण के दौरान विधिवत पता व वर-वधू के फोटो से मिलान जिम्मेदार अधिकारी द्वारा मिलान कराया जाता है। आखिर उन पर नरमी क्यों। जो सवालों के घेरे में है।
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●गांवों में महिनों नहीं जाते हैं ग्राम सचिव
जनपद के अधिकतर ब्लाक के ग्राम पंचायतों में तैनात सचिव शायद ही गांवों में जाते हो, सभी सचिव ब्लाक पर बैठकर या मुंशी के सहारे काम निपटाते हैं। अगर इसकी पड़ताल गांवों में करायी जाय तो शायद 20 प्रतिशत लोग भी ग्राम सचिवों को नहीं पहचानते हैं। कभी गांव में जरूरत पड़ी तो हवा की तरह आये और हवा की तरह निकल जाते हैं।
●ब्लाक या फोन से कर देते हैं सत्यापन
लक्ष्मीपुर ब्लाक में आवास या सामूहिक विवाह का सत्यापन करना हो उसे ब्लाक से निपटा दिया जाता है। सामुहिक विवाह में कजरी का मामला आया। वहीं आवास के मामले में एक गाँव में तीन किस्त की निकासी होने के बाद दो लाभार्थियों को आपात्र होने पर रिकवरी करायी गयी है। जबकि पहली किस्त की निकासी तभी होती है जब आवास का जीयोटैग हो जाता है तब दूसरी किस्त आती है। आखिर यहां किस लाभार्थियों के मकान का सत्यापन होता है। जबकि रिकवरी तो करा दिया। वहीं जिम्मेदारानो पर दरियादिली दिखाई गयी है। यह कहावत सटीक है कि गैरों पर कारवाई अपनों पर नरमी।