पापी पेट के लिए जान जोखिम में डालकर रस्सी पर करतब दिखाने को मजबूर मासूम

हिन्दमोर्चा न्यूज़ महराजगंज/लक्ष्मीपुर.
आपको बता दें कि गरीबी और भूख इंसान को कुछ भी करने पर मजबूर कर देती हैं। लक्ष्मीपुर क्षेत्र के ग्राम पंचायत समरधीरा चौराहें पर दिन सोमवार को जान जोखिम में डालकर करतब दिखाती मध्यप्रदेश की काल्पनिक नाम चम्पा निवासी 11 वर्षीय मासूम बालिका काल्पनिक नाम मजनी को देख कर तो यही कहा जा सकता हैं।
मजनी द्वारा दो तरफ लोहे के रॉड के छोर से बंधी करीब 30 फ़ीट लम्बी और 10 फ़ीट ऊंची रस्सी पर चल कर कई करतब दिखाए गए। मजनी का संतुलन गजब का था। चेहरे पर कोई खौफ नहीं। लेकिन इसके करतब देख कर हर कोई हैरान था। सिर पर 4 लोटे रख कर कभी खुले पैर तो कभी चप्पल पहन कर और कभी थाली व रिंग पर पैर चला कर रस्सी पर चलते हुए कई करतब दिखाए।
जब मजनी रस्सी को जोर-जोर से हिलाते हुए हाथ में बांस लेकर करतब दिखाती हैं। तो इसका सन्तुलन देखकर लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं।वही बच्चों का मनोरंजन रहा। मजनी का ये तमाशा ही इसके परिवार को दो जून की रोटी नसीब करवाता हैं।
मजनी के माँ चम्पा ने बताया कि मध्यप्रदेश में राजनट परिवार की अन्य बच्चियां ये करतब जगह जगह दिखाती हैं। उनके पुरखे पीढ़ियों से यही काम करते आ रहें हैं। पहले वो खुद करतब दिखाया करती थी। अब दो साल से मजनी ये काम कर रही हैं। अब तक वो उत्तर प्रदेश के कई जिलों में जा कर करतब दिखा चुके हैं।
ककहरा सीखने की उम्र में जान जोखिम में डालना पड़े तो, सरकार और समाज को सोचना चाहिए:
मजनी के करतब उसके परिवार के गुजर-बसर का साधन भले ही हो लेकिन ये करतब दिखाने की मजबूरी सरकार के बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, गरीबी हटाओ, सर्व शिक्षा अभियान और शिक्षा का अधिकार अभियान की पोल खोलते नजर आते हैं। स्कूल में जा कर ककहरा सीखने की उम्र में अगर मासूमों को पापी पेट की खातिर जान जोखिम में डाल कर करतब दिखाने पड़े तो ये सरकार और समाज के लिए सोचने का विषय हैं।
हिन्दमोर्चा टीम महराजगंज.