NR लखनऊ मंडल: चेकिंग स्टाफ में सैकड़ों पद रिक्त, बिना टीटीई के रेल पटरियों पर दौड़ रही है हैं दर्जनों ट्रेनें

👉एक टीटीई के जिम्मे 3से 5 शयनयान दुतीय श्रेणियों एसी के 2 से 3 डिब्बे
(ओपी सिंह वैस)
लखनऊ। जहां एक तरफ रेल मंत्रालय एवं उरे जोन स्तर पर महा प्रबंधक से लेकर रेलमंत्री एवं प्रधानमंत्री तक मीडिया में बयान जारी करते हैं कि रेलवे में कर्मचारियों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है तो वहीं लखनऊ मंडल में चेकिंग स्टाफ में सैकङों पद रिक्त होने के कारण दर्जनों ट्रेनें बिना टीटीई की रेल की पटरियों पर दौङ रही है और बिना टिकट यात्रियों की भरमार हो गयी है जिससे करोङों रुपयों की हानि हर वर्ष रेलवे को उठानी पङ रही है लेकिन रेलवे बोर्ड से लेकर रेल मंत्रालय अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठा सका है और इसका खामियाजा चेकिंग स्टाफ को उठाना पङ रहा है ।
मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ मंडल से जाने वाली जितनी भी ट्रेन न्ई दिल्ली अथवा वाराणसी, प्रयागराज आदि की तरफ जाती हैं सभी ट्रेन चेकिंग स्टाफ की कमी से जूझ रहा है और जो भी एक दो टीटीई चलते भी हैं तो उनको योगी जी की जांबाज पुलिस कर्मियों के कोपभाजन का शिकार होना पङ रहा है.
जिसका ताजा उदाहरण अभी लगभग डेढ हफ्ते पहले प्रतापगढ स्टेशन पर अर्चना एक्सप्रेस में तैनात हेड टीटीई संदीप सिंह वर्दी धारी गुंडों का शिकार हो गये गोरखपुर से आ रही अमरनाथ एक्सप्रेस में तैनात टीटीई राजेश सिंह इन वर्दी धारी पुलिस कर्मियों का शिकार होते -होते बच गये ये तो एक मामूली घटना है।
रेलवे के एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि जितनी भी मेल एक्सप्रेस या सुपर फास्ट ट्रेन चलती हैं सभी ट्रेनों में दो से तीन टीटीई ही चलते हैं और जबकि एक ट्रेन में कम से कम 20 से 22 डिब्बे लगते हैं जिसमें एसी के लगभग आधा दर्जन कोच एवं स्लीपर क्लास के लगभग एक दर्जन से अधिक डिब्बे रहते हैं और चालू डिब्बों की तो कोई बात ही नहीं है, एक टीटीई को 4-से 5- डिब्बे स्लीपर के चेक करने होते हैं और एसी के डिब्बे अलग से चेक करना होता है चालू डिब्बों में तो कोई पहुंच ही नहीं पाता है ।
चेकिंग स्टाफ का एक कर्मचारी ने अपना नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि हम लोग रात्रि में अकेले डियूटी करते हैं रेलवे कोई सुरक्षा भी नहीं देती दूसरी तरफ रेलवे की विजिलेंस और सीबीआई अलग से पीछे लगी रहती है तथा वर्दीधारी पुलिस कर्मियों की तो गुंड्ई अलग से झेलनी पङती है। जब कि नियमतः हर ट्रेन में कम से कम आधा दर्जन टीटीई की डियूटी लगनी चाहिए।
अयोध्या कैंट से दिल्ली जाने वाली ट्रेन, प्रतापगढ से दिल्ली जाने वाली ट्रेन में तो कभी कभी एक ही टीटीई चलते हैं। चेकिंग विभाग का एक सूत्र ने बताया कि हम लोगों को महीनें में रेलवे को पेनाल्टी भी बनाकर देना होता है। रेलवे के अधिकृत सूत्र बताता है कि हर स्टेशनों पर जैसे अयोध्या कैंट, लखनऊ, प्रतापगढ, वाराणसी, सुल्तान पुर में टीसी एवं टीटीई के दर्जनों पद रिक्त चल रहे हैं लेकिन इस पर रेलमंत्रालय एवं महा प्रबंधक चुप्पी साध रखे हैं।