NR लखनऊ मंडल बना यूनियन नेताओं के अराजकता का अड्डा, PNM मीटिंग में करते हैं अधिकारियों से अभद्रता, रेल प्रशासन ने बांधी आंख पर पट्टी

लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में कानून नाम का कोई भी अनुशासन नहीं रह गया है और ये बेलगाम नेता किस अधिकारी को कब बेइज्जत कर दें कोई समय सीमा नहीं है और लखनऊ मंडल के अधिकारी जिनके बदौलत रेलवे लाभान्वित हो रही है अपने को असुरक्षित महसूस कर रहें हैं।
देखिए रेलमंत्री जी!एक आई आरटीएस अथवा आईआरईएस जो संघ लोकसेवा आयोग से कंपटीशन बीट करके आता है उसको एक थर्ड क्लास अथवा चतुर्थ श्रेणी का कर्मचारी नेता ( अंगूठा छाप कहना अतिशयोक्ति होगा) खुलेआम अभद्रता करता है यह बङे शर्म की बात है, गजब का है रेल प्रशासन किस तरह से अधिकारी अनुशासन बना सकता है इसका जीता जागता उदाहरण सामने प्रस्तुत है।
रेलवे के अधिकृत सूत्रों ने बताया कि पिछले हफ्ते एक चर्चित यूनियन की PNM की मीटिंग आयोजित की गयी जिसमें मंडल रेल प्रबंधक से लेकर सारे शाखाओं के अधिकारी शामिल थे। आईए बताते चलें कि पीएन एम की मीटिंग हर माह अथवा दूसरे माह दोनों यूनियनों की डीआर एम आफिस में आयोजित होती है उसमें पूरे मंडल के रेल कर्मियों की समस्या का निदान किया जाता है लेकिन यहां उल्टी गंगा बह रही है।
मिली जानकारी के आलमबाग डीजलशेड के एक वरिष्ठ अधिकारी को इस लिए बेइज्जत किया गया कि उसने यूनियन के एक नेता के गुर्गे को शिकायत पर सीट से हटाकर दूसरी सीट पर तबादला कर दिया जिससे नेताजी आग बबूला हो गये और उक्त अधिकारी को खुलेआम मंडल रेल प्रबंधक एवं अन्य अधिकारियों के सामने ही जमकर
लताङा जबकि उक्त तथा कथित नेता जिसका तबादला किया गया है उस पर दर्जनों आरोप लग चुके हैं और आन डियूटी मीटिंग करना उसकी आदतों में शुमार है और ये नेताजी का खास कमाऊंपूत बताया जाता है।
सबसे मजे की बात तो ये है कि अभद्रता करने वाले नेता से सारे अधिकारी भय खाते ये वही चर्चित नेता है जिसके संरक्षण में आधा दर्जन रेलकर्मी आलमबाग डीजलशेड में करोङों रुपयों के घोटाले में जेल जा चुके हैं और बर्खास्त भी हो चुके हैं और नेताजी बराबर पैरवी करने के साथ साथ पिछले वर्ष नये वर्ष पर चोरी के अभियुक्तों से गुलदस्ता लते हुए फोटो भी मीडिया में प्रकाशित हो चुका है। दूसरी तरफ इन नेताओं को वर्ष में दर्जनों अवकाश भी रेलवे देती है। अगर यही अनुशासनहीनता रही तो कोई भी ईमानदार अधिकारी अपनी डियूटी नहीं कर पायेगा और बेईमान अधिकारी नेता गंठजोङ हावी रहेगा।