NR लखनऊ मंडल के कथित नेता का काला कारनामा. विभाग में गहरी पैठ के जरिए ले रहा 30 की जगह 365 का विशेष आकस्मिक अवकाश

लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में एक रेल चालक (यूनियन का नेता) ने उङायी रेल की धज्जियां वर्षों में लगाया रेलवे का लाखों का चूना रेलवे अधिकारी जांच कराने की जगह साधे चुप्पी। प्राप्त विवरण के अनुसार अवधेश कुमार दूबे जो रेल चालक(मेल )के पद पर अयोध्या कैंट में तैनात है और उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन का मंडलमंत्री और रेल कर्मियों का मसीहा बना घूम रहा है पिछले अप्रैल 2022 से कोई भी ट्रेन आज तक नहीं चलायी है।
रेल के सूत्रों ने बताया कि अप्रैल से अब तक उक्त रेल चालक विशेष आकस्मिक अवकाश को अपनी डियूटी में शो करके अपने मूल वेतन का 30% अतिरिक्त वेतन भी रेल से ले रहा है। विश्वस्त्र सूत्रों से पता चला है कि विशेष आकस्मिक अवकाश एक वर्ष में केवल अधिकतम 30 दिन ही प्रदान किया जा सकता है, लेकिन यहां तो अवधेश कुमार, लोको पायलट पूरे वर्ष आकस्मिक अवकाश दिखाता है।
अधिकृत सूत्रों के अनुसार ब्रांच काउंसिल के नाम पर लिये जा रहे अवकाश। उक्त सूत्र ने बताया कि यह लोको पायलट अपने घर एवं आफिस में ही विराजमान रहता है और किसी भी ब्रांच काउंसिल में शामिल नहीं होता । सबसे आश्चर्यजनक बात तो ये है कि इसकी पोस्टिंग अयोध्या कैंट में है लेकिन यह लखनऊ के एक किराये के मकान में परिवार सहित रहता है फिर यह आन डियूटी या आफ डियूटी किस सीएम एस पर करता है।
अयोध्या कैंट का एक लोको पायलट ने बताया है कि इसके पहले भी जब यह असिस्टेंट के पद पर था तो कभी भी इसने स्कूल के नाम पर ट्रेन नहीं चलायी, है लेकिन लोको पायलट बन गया फिर तीन वर्ष तक क्रू कंट्रोलर पर समय बिताया इसके बाद यह यू आर एम यू का मंडलमंत्री के पद का तमगा मिल गया तभी से यह अपना साम्राज्य स्थापित कर लिया,और तभी से यह विशेष आकस्मिक अवकाश का दुरुपयोग करना सीख लिया।
इस संबंध में यूनियन के लखनऊ एवं अयोध्या कैंट के आधा दर्जन कर्मियों ने रेलवे के अधिकारियों से मांग किया है कि मास्टर सर्कुलर N0 -10 के अनुसार किसी भी कर्मचारी को वर्ष में केवल 30 दिन का ही विशेष आकस्मिक अवकाश दिया जा सकता है तो फिर बतायें कि इनको एक वर्ष का विशेष आकस्मिक अवकाश किसके आदेश से दिया जा रहा है।
और जो अतिरिक्त वेतन इन्होंने ने लिया है क्यों नहीं रेल प्रशासन कटौती कर रहा है जब कि रेलवे में अधिक वेतन लेना कानूनी रूप से अवैध बताया जाता है और तो और जब यह लखनऊ में रहता है तो फिर यह आन एवं आफ डियूटी किस सी एम एस पर करता है ।महा प्रबंधक एवं मंडल रेल प्रबंधक बतायें कि क्या यूनियनों के नेताओं के लिए कोई नियम है कि इनको घर बैठे वेतन रेल दे।