NR मंडल लखनऊ के अयोध्या कैंट में तैनात नटवरलाल मुख्य कार्यालय अधीक्षक मनीराम ने लाखों रुपया खर्च कर गायब कराया सेवा पुस्तिका, मामले में एक कार्मिक विभाग के चर्चित सीपीआई की भूमिका को लेकर चर्चा

लखनऊ । उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में एक ऐसा दिलचस्प मामला सामने आया है जो रेल प्रशासन की कानून व्यवस्था तार -तार हो गयी है और करोङों रूपये का चूना रेलवे को लगाये जाने की पूरी पिक्चर तैयार हो चुकी है और इसके पीछे कार्मिक विभाग का सीपीआई एवं शटलमेंट का एक सीओएस मीडिया की रडार पर आ चुके हैं लेकिन अब देखना ये है कि क्या इसकी जांच रेलवे करा पायेगी या फिर पूरा फर्जी भुगतान करके रेल इतिश्री कर देगी।
प्राप्त विवरण के अनुसार लखनऊ मंडल आफिस में तैनात राजेश महाजन आये दिन सुर्खियों में बना हुआ है क्योंकि वह एक यूनियन का पदाधिकारी एवं नेता का चहेता भी है और उसकी क्ई शिकायत बङौदा हाऊस में सीपीओ एवं विजिलेंस के पास भी पङी हुई है लेकिन नेता जी सभी शिकायतों को दबवा रखा है।
आईए एक ऐसा मामला का खुलासा ‘हिन्दमोर्चा ‘कर रहा है जो रेल प्रशासन पूरी तरह नंगा हो चुका है।
मिली जानकारी के अनुसार मनीराम वर्मा पुत्र राम प्यारे वर्मा निवासी डिहवा, कटेहरी अंबेडकर नगर का निवासी है और बहुत बङा जालसाज भी बताया जाता है जो लोको शेड अयोध्या कैंट में मुख्य कार्यालय अधीक्षक के पद से 31/1/23 को रिटायर हो गया, मनीराम वर्मा अपनी सेवा के दौरान कभी भी डियूटी नहीं किया और खुलेआम कर्मचारियों से मोटी रकम लेकर रेलवे को चूना लगाता रहा।
सूत्रों के अनुसार यह इतना बङा जालसाज है कि इसने लोको के कर्मचारियों का फर्जी आयकर वेतन से कटौती करता था फिर बाद में मोटी रकम वसूलता रहा और अवकाश तो इसके दाहिने हाथ का खेल था जिससे रकम मिलती उसकी LAP, LHP फर्जी ढंग से बढा देता और हाजिरी रजिस्टर में अनुपस्थिति को गायब करके आन डियूटी दिखाकर वेतन दिलवा देता था.
लोको शेड का एक कर्मचारी ने बताया कि मनीराम वर्मा की शिकायत इतनी लंबी थी कि इसको दर्जनों SF-5, एंव S-11 चार्जशीट मिल चुकी है और उक्त जालसाज का क्ई इंक्रीमेंट बीते क्ई वर्षो से बंद चल रहे हैं जब इसने देखा कि रिटायरमेंट होने पर रेल से पेंशन तो कम हो ही जायेगी इसके साथ -साथ ग्रेजुएटी प्राविडेंट फंड, अवकाश का पैसा नहीं मिलेगा तो इसने कार्मिक विभाग के उक्त चर्चित सीपीआई एवं शटलमेंट के सीओएस से मिला और एक लंबी मोटी रकम देने का वादा करके अपनी सेवापुस्तिका,सर्विस रिकार्ड ही गायब करवा दिया यानी कि मनीराम वर्मा अपनी सारी करतूत को 38 वर्ष की सेवा एक ही झटके में गायब करवा दिया।
सूत्रों के अनुसार मनीराम वर्मा द्बारा अब फिर रेलवे को चूना लगाकर पचासों लाख रुपये के साथ -साथ पूरी पेंशन पाने का मंशूबा मनीराम जैसे जालसाज को सफल होते दिखाई दे रहा है और इसके पीछे राजेश महाजन एवं संबधित सीओएस शटलमेंट एवं लेखा विभाग के बाबुओं की लाटरी लग चुकी है। देखिए रेलमंत्री जी आपकी रेलवे में इतना बङा -बडा घोटाला हो रहा है और राजेश महाजन जैसे भ्रष्ट सीपीआई मालामाल हो रहे हैं।