NR मंडल के सीडीएमई मैकेनिकल ओएंडएफ विभाग में भ्रष्टाचार को प्रधान कार्यालय नई दिल्ली ने लिया संज्ञान, तलब कर लगाई फटकार और चार्ज भी छीना

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इस समाचार पत्र में प्रकाशित खबर के बाद गरमाया मामला
लखनऊ | उरे लखनऊ मंडल आफिस के काले कारनामें मैकेनिकल ओएंडएफ विभाग की बार -बार भ्रष्टाचार की खबरें प्रमुखता से यह समाचार पत्र निष्पक्ष प्रकाशित करता चला आ रहा है जिसे रेलवे बोर्ड एवं बङौदा हाऊस ने संज्ञान लिया और तत्काल प्रभाव से दूसरे अधिकारी को कार्यभार देने का आदेश दे दिया लेकिन ये इतना दबंग किस्म का अधिकारी है कि तब भी चार्ज नहीं दिया जिसको मुख्यालय न्ई दिल्ली केआरपीएमई ने गत दिनों तलब किया एवं जमकर फटकार लगायी तब जाकर इसने दूसरे दिन चार्ज उक्त अधिकारी को सौंपा।
बताया तो यहां तक जाता है कि करोङों का टेंडर होना था जिसमें ये चर्चित अधिकारी मंडल के अधिकारियों से कुछ दिन के लिए स्थगित करवा लिया था | टेंडर पास होने पर कमीशनबाजी के बाद ही चार्ज सौंपने का इरादा था लेकिन इस मामले को एक पत्रकार ने ब्रेकिंग खबर के साथ टवीटर पर लिखा |इसके बाद मामला गरमा गया और उक्त अधिकारी को प्रधान कार्यालय दिल्ली ने तलब कर लिया।
सूत्रों के हवाले से खबर ये इतना दबंग एवं मनबढ किस्म का अधिकारी है कि इसका तबादला होने के बावजूद इनके चहेते लोको निरीक्षक जो आफिस में लगे हैं टेन्डर देने में सक्रिय थे और उसके चहेते संबंधित ठेकेदारों से सेटिंग करके करोङों रुपये की अवैध कमाई कर चुके हैं और उसी सीट पर अभी भी अंगद के पैर की तरह चिपके पङे हैं इनके साथ ही साथ सहायक लोको पायलट भी मलाई काट रहे हैं।
अब देखना ये है कि क्या सीडीईई आरएसओ इन भ्रष्टाचारियों के काकस संगठनों के विरुद्ध कार्यवाही करेंगे या फिर इन्हीं के पगचिंहों पर चलेंगे। चूंकि मामला यूनियनों के नेताओं से जुङा बताया जा रहा है |पूर्व सीडीएम्ई ने तो लाखों रुपयों का घोटाला करके रिकार्ड कायम कर रखा है और उसके खिलाफ तमाम विजिलेंस जांचे विचाराधीन हैं।
एक लोको निरीक्षक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि पहली चुनौती ये है कि एक सीएलआई जो कि बिना सृजित पद के ही दशकों से फर्जी ढंग से अवकाश में माईलेज लेता है तो क्या उसके खिलाफ निष्पक्ष कार्रवाई होगी ? जब कि माईलेज को सत्यापन करने के लिए बाबू लगाया गया है तो फिर फर्जी ढंग से भुगतान में आज तक प्रशासन ने इस बाबू को जिम्मेदार क्यों नहीं ठहराया।
सूत्रों के अनुसार किसके आदेश से रनिंग स्टाफ का माइलेज को बिना हस्ताक्षर किये वेतन में लगाया जा रहा है |एक चर्चित सीओएस सुधीर सक्सेना जो अवैध ढंग से तीन इंक्रीमेंट आफिस सेटिंग दिखाकर अधिकारियों से स्वीकृत करवाया है और इसकी दो बार जांच हुई लेकिन एक चर्चित नेता के बरदहस्त के चलते मामला दबाया गया जबकि उक्त रेलकर्मी को अगस्त-23 में सेवानिवृत्त होना है।
दूसरी तरफ यूआरएमयू का मंडलमंत्री अवधेश दूबे बिना डियूटी किये ही माईलेज एवम् वर्षो तक विशेष आकस्मिक अवकाश का भुगतान यूनियन के पदाधिकारी नाम पर ले रहे हैं जब कि कभी मीटिंग में जाते तक नहीं हैं | इसके खिलाफ मंडल के अधिकारी कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं जुटा पाये और उल्टे इसको विशेष आकस्मिक अवकाश अधिकारी बराबर देते जा रहे हैं |इसकी जांच भी हुई थी लेकिन मंडल के एक अधिकारी के प्रभाव से दबवा दिया गया |
विश्वस्त्र सूत्रों से पता चला है कि कुछ तथा कथित टेंडर को अधिकारी द्धारा अपने चहेतों को दिया गया है जैसे रनिंग रुम में सफाई का, बाक्स लोडिंग ,कंट्रोल में गाङी लगाने का एंव गैस का पाईप लाईन परियोजना के लिए आदि जितने भी ठेके हुए हैं सभी में जमकर कमीशनबाजी होने का समाचार मिला है। सबसे बङा घोटाला तो वाराणसी में एंव आलमनगर में स्थापित डीजल फ्यूल पाईंट को कटवाने के बाद बेंचकर सौदेबाज़ी हुई है।
एक सूत्र ने बताया कि मैकेनिकल विभाग में एक अदना बाबू भी करोङपति है |अधिकारी की तो बात ही अलग है और इसमें यूनियनों के नेताओं की भी मौन सहभागिता यह प्रदर्शित करने के लिए काफी है। उक्त के संबंध में संबंधित अधिकारी से उनका पक्ष जानने के लिए सीयूजी पर संपर्क किया गया किंतु नॉट रिचेबुल होने से वार्ता नहीं हो सकी जबकि कई बार प्रयास किया गया |