NR लखनऊ मंडल का निपटारा विभाग बना भ्रष्टाचार का अड्डा, इसका खामियाजा भुगत रहा रिटायर्ड रेल कर्मी मनीराम

लखनऊ। देखिए रेलमंत्री एवं प्रधानमंत्री जी आपके जीरो टारलेंस की सरकार में लखनऊ मंडल का एक भुक्तभोगी कर्मचारी मनीराम दर -दर भटकने को हुआ मजबूर। रेलवे के अधिकृत सूत्रों के अनुसार मनीराम मुख्य कार्यालय अधीक्षक के पद पर उत्तर रेलवे अयोध्या कैंट में तैनात था और वह 31 जनवरी 2023 को सेवानिवृत्ति भी हो चुका है ।
सूत्रों के अनुसार निपटान अनुभाग का एक जिम्मेदार कार्यालय अधीक्षक संतराम ने महीनों पहले मनीराम को आफिस में बुलाकर कहा कि 50000/- हजार की व्यवस्था करो आपकी सेवापुस्तिका कंप्लीट करनी है। और मामला तय भी हो गया लेकिन किसी कारण बस इतनी मोटी रकम न दे पाने के कारण मुख्य कार्यालय अधीक्षक संतराम ने भुक्तभोगी को यह कहकर बैरंग वापस कर दिया कि आपकी सेवा पुस्तिका खो गयी है और उसमें अब समय लगेगा ।
जबकि संतराम विद्युत शाखा से संबंधित कार्य को देखता है लेकिन विभाग में अधिकारियों का चहेता होने के कारण सारे शाखाओं में अपनी गहरी पैठ बना रखा है जिससे लोगों को अपने चंगुल में फंसाने में सफल रहता है। और उनका कार्य खुद करता है। इस संबंध में जब गहन छानबीन की गयी तो कहानी कुछ और बयां करने लगी।
सूत्रों के अनुसार मनीराम वर्मा पुत्र स्व राम आसरे वर्मा निवासी डिहवा कटेहरी जिला अंबेडकर नगर का निवासी है यह बहुत बङा जालसाज बताया जाता है और उसको लगभग आधा दर्जन SF-5 आरोपपत्र भी मिल चुका है. एंव उसके क्ई इंक्रीमेंट विभाग द्बारा रोंक दिये गये हैं। उक्त निपटान विभाग का प्रमुख खुलेआम कहता है कि जितना कमाता हूं कार्मिक विभाग के अधिकारियों को भी हिस्सा देता हूं। ऐसा भुक्तभोगी मौखिक रु प से बताता और कहता है कि हम मोटी रकम देकर दूसरी सेवा पुस्तिका बनवा लिया जायेगा। इसके पहले भी मंडल आफिस में निपटान विभाग में क्ई प्रकरण उजागर हो चुके हैं।