NR लखनऊ मंडल कार्यालय में तैनात नटवरलाल सीपीआई एपीओ की परीक्षा में दो बार हुआ फेल, अधिकारियों एवं यूनियन की मिलीभगत, हुई महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति , मामला संदिग्ध, निष्पक्ष जांच की मांग

लखनऊ /उत्तर रेलवे मंडल में रोजाना नये -नये कारनामें अधिकारियों के उजागर हो रहे हैं और न्ई दिल्ली बङौदा हाऊस का प्रधान कार्यालय कार्मिक विभाग बना मूकदर्शक, रेलमंत्री एवं सीईओ (अध्यक्ष रेलवे बोर्ड)से लेकर महाप्रबंधक तक बने हैं आम जनमानस एवं रेल कर्मियों में चर्चा का विषय।
मिली जानकारी के अनुसार उक्त नटवरलाल के नाम से मंडल में चर्चित मुख्य कार्मिक निरीक्षक राजेश महाजन जिसकी नियुक्ति मामूली क्लर्क के पद पर मंडल कार्यालय में कार्मिक विभाग में हुआ था इसके बाद ये अपनी कारगुज़ारी के चलते वर्षो में ही करोङपति बन बैठा और फिर ये एक तथा कथित नेता के बदौलत हितनिरीक्षक /मुख्य कार्मिक निरीक्षक के पद पर सुशोभित हो गया।
उक्त चर्चित यूनियन के नेता जो कर्मचारियों का मसीहा बताता है की सरपरस्ती में मंडल कार्यालय में सबसे महत्वपूर्ण विभाग गोपनीय विभाग में तैनाती करवा लिया और नेताजी की जो विकलांग लङकी है उसको अपने संरक्षण में क्ई वर्षो से फर्जी हाजिरी दिखाकर रेलवे से वेतन दिलाता रहा।
अगर उक्त महिला की 10वर्ष की वर्किंग रिपोर्ट मंगायी जाये तो पूरी असलियत सामने आ जायेगी और अभी तक करोङों रुपये का चूना रेलवे को ये चंडाल चौकङी लगा चुकी है इसके बाद उक्त नटवर लाल सीपीआई ने नेताजी की आङ में खुलेआम अवैध कमाई करना शुरू कर दिया।
मृतक आश्रित कोटा में टीसी के लिए तीन लाख, बाबू के लिए तीन लाख इस तरह से इसने जमकर धनादोहन किया और हर माह कम से कम एक दर्जन मृतक आश्रित कोटा में नियुक्ति होती है इस तरह से आप अन्दाजा लगा सकते हैं कि दस वर्षो में इसने कितना पैसा कमाया होगा।
रेलवे के लगभग आधा दर्जन मृतक आश्रित कोटा के भुक्त भोगी युवकों ने बताया कि मृतक आश्रित में नौकरी ग्रुप सी कराने के लिए सितंबर 2022 में 50000,50000 हजार रूपये नटवर लाल के इशारे पर वसूले गये थे और परीक्षा में सभी कैंडिडेट फेल हो गये।
अब उनको ग्रुप डी में भेजे जाने का पूरा प्लान
नटवरलाल राजेश महाजन के द्धारा संबधित बाबू के पास भेजा जा रहा है और जिस बाबू के पास भेजा जायेगा वह इसके पहले निपटान अनुभाग से स्थानांतरण होकर सीजी सेल में पहुंच गया और यह सब खेल उक्त नटवर लाल के इशारे पर कार्मिक विभाग के अधिकारी कर रहे हैं। जब कि उक्त बाबू खुद निपटान अनुभाग में रहकर खूब लूटा और अब सीजी जैसे अनुभाग में पहुँच गया है।
रेलवे के अधिकृत सूत्र ने बताया कि उक्त नटवर लाल राजेश महाजन एपीओ की परीक्षा में भी शामिल हो चुका है और नेताजी के गुर्गे उसको पेपर तक उपलब्ध कराये लेकिन फेल हो गया ।
सूत्रों के अनुसार सीपीआई राजेश महाजन ने करोङों की अवैध संपत्ति अपने रिश्तेदारों और पारिवारिक सदस्यों के नाम पर विभिन्न शहरों में बना रखा है जैसा कि सूत्र बताते हैं। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार एक पूर्व सीडीपीओ का होटल (ढाबा) भी अपनी देख रेख में चलवा रहा है।
रेलवे के अधिकृत सूत्रों के अनुसार ये रेलवे की विजिलेंस एवं अन्य जांच एजेंसियों के रडार पर आ चुके हैं चूंकि ये एक चर्चित यूनियन का पदाधिकारी है और इसको उक्त चर्चित यूनियन का नेता इसको बचा रहा है क्योंकि इसको क्ई बार बङौदा हाऊस विजिलेंस आफिस में बुलाया जा चुका है।