Lucknow

IR रेलवे में हुई डीए की घोषणा, बोनस को लेकर मचा कर्मचारियों में हङकंप, कैबिनेट की बैठक में नहीं हुआ बोनस पर फैसला

लखनऊ /गत बुधवार को हुई न्ई दिल्ली में केन्द्रीय कैबिनेट की बैठक में केन्द्रीय कर्मचारियों का जहां मंहगाई भत्ता पर मुहर लगी वहीं बोनस पर कोई फैसला न होने से रेल कर्मियों के साथ -साथ सभी केन्द्रीय कर्मियों में मायूषी हाथ लगी तो वहीं अब रेलवे कर्मचारी अपने तथा कथित यूनियन के नेताओं (दगे कारतूसों) को कोसते नजर आ रहे हैं जो हर बार सरकार को रेलवे का चक्का जाम करने की धमकी देते थे।

प्राप्त विवरण के अनुसार यह पहली बार ऐसा हुआ है कि दशहरा के त्योहार पर सरकार ने मंहगाई भत्ता बढा दिया और बोनस पर कोई फैसला नहीं हुआ।

रेलवे के एक यूनियन के नेता ने दूरभाष पर बताया कि हर वर्ष अक्टूबर माह या जब भी दशहरा का पर्व पङता था तो सरकार पहले बोनस की घोषणा करती थी इसके बाद ही मंहगाई भत्ता की घोषणा होती थी।

मिली जानकारी के अनुसार रेलवे के अब किसी भी नेता के साथ कर्मचारी हङताल करने के लिए तैयार नहीं हैं और न ही धरना प्रदर्शन करने के लिए। चूंकि
माननीय् सुप्रीम कोर्ट का आदेश भी है कि कोई भी कर्मचारी हङताल पर नहीं जा सकता, दूसरी बात 1974 में जितने भी रेलकर्मी हङताल पर थे और रेल का चक्का जाम किया उनको सरकार ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया जो अभी तक नौकरी नहीं पाये। और अन्त में दोंनों फेडरेशनों को लिखकर सरकार को देना पङा कि रेलवे में हङताल
अब कभी भी नहीं होगी ।

रेलवे के एक अधिकृत सूत्र ने बताया कि रेलवे के नेता जानते हैं कि अगर हम सरकार का विरोध करेंगे या रेलवे में हङताल करने की कोशिश की तो हमारी सारी अवैध संपत्ति सरकार जब्त कर लेगी।

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