लुलु मॉल नमाज विवाद पर सख्त सीएम योगी बोले-कानून व्यवस्था से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं, कड़ाई से निपटेगा प्रशासन

लखनऊ . लखनऊ लुलु मॉल नमाज विवाद को लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ सख्त रुख अपना लिया है। उन्होंने कहा कि काननू के साथ खिलवाड़ करने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने लखनऊ प्रशासन से माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के साथ कड़ी कार्रवाई करेगा।
उन्होंने कहा कि लखनऊ में एक मॉल खुला है। वो मॉल अपने व्यवसायिक प्रतिष्ठान को लेकर काम कर रहा है। उसको लेकर राजनीतिक का अड्डा बनाना, अनावश्यक बयानबाजी जारी करना और उसके नाम पर सड़कों पर प्रदर्शन करके लोगों के आवागमन को बाधित करना।
बार-बार लखनऊ प्रशासन द्वारा चेताने के बावजूद भी अराजकता पैदा करने और साम्प्रदायिक विद्वेष पैदा करने का जो कुत्सित प्रयास किया जा रहा है, लखनऊ प्रशासन को इसे बहुत गम्भीरता से लेना चाहिए। ऐसी किसी भी शरारत को स्वीकार नहीं करना चाहिए। ऐसे तत्वों से सख्ती से निपटा जाना चाहिए।
लखनऊ में एक मॉल खुला है, उसे लेकर अनावश्यक बयानबाजी, सड़कों पर प्रदर्शन करके आवागमन को बाधित करना और अराजकता पैदा करने का जो प्रयास हो रहा है उसे लखनऊ प्रशासन को बहुत गंभीरता से लेना चाहिए और सख्ती से तथ्यों के साथ निपटना चाहिएः लुलु मॉल विवाद पर CM योगी आदित्यनाथ, UP (18.07) pic.twitter.com/m8BFzbGV3m
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 19, 2022
सीएम ने निर्देश दिए हैं कि यातायात बाधित कर सड़कों पर किसी प्रकार के धार्मिक क्रियाकलाप की अनुमति नहीं दी जाए। साथ ही धार्मिक जुलूसों या यात्राओं में किसी भी प्रकार के अस्त्रत्त्-शस्त्रत्त् का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। इसका उल्लंघन करने वालों पर पुलिस-प्रशासन कड़ी कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को मंडल, रेंज, जोन और जनपद में तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों के साथ कांवड़ यात्रा के सुगम व शांतिपूर्ण आयोजन, स्वतंत्रता सप्ताह के सफल आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश दिए।
वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से हुई इस विशेष बैठक में मुख्यमंत्री ने आईजीआरएस, जनता दर्शन और सीएम हेल्पलाइन पर प्राप्त शिकायतों के थाना, तहसील व जिला स्तर की रैंकिंग के अनुसार अधिकारियों को कार्यप्रणाली को बेहतर करने के निर्देश भी दिए।
जनसुनवाई में कोताही न बरतें अधिकारी
सीएम ने कहा कि तहसीलों, प्राधिकरणों आदि जन हित से सीधे जुड़ाव रखने वाले कार्यालयों में हर दिन एक घंटे की अवधि जनसुनवाई के लिए नियत है। इस अवधि में अधिकारी जनता से मिलें, शिकायतें-समस्याएं सुनें और मेरिट पर निस्तारण करें।