फिर एक होंगे अखिलेश और मायावती? राजभर बोले-बसपा ने जानबूझकर नहीं उतारा था रामपुर में प्रत्याशी

लखनऊ। समाजवादी पार्टी के रामपुर और आजमगढ़ उपचुनाव की हार सुभासपा अध्यक्ष ओपी राजभर को पचती नहीं दिख रही है। राजभर ने अखिलेश और मायावती को फिर से एक होने से सलाह दी है। इसके अलावा सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर ने समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) पर गरीबों से छल करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा है इन दोनों पार्टियों को आगे आकर कहना चाहिए कि वे समाज के वंचित वर्ग की लड़ाई नहीं लड़ सकतीं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी सपा का सहयोगी दल है। सपा और बसपा ने वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था। हालांकि, बाद में दोनों की राहें जुदा हो गई थीं।
राजभर ने कहा, खिर सपा और बसपा गरीबों और वंचितों की शुभचिंतक होने की बात कहकर उनके साथ छल क्यों कर रही हैं। मेरा मानना है कि अगर दोनों पार्टियां गरीबों की ही लड़ाई लड़ रही हैं तो फिर वे अलग-अलग चुनाव क्यों लड़ रही हैं? राजभर ने रविवार कहा, सपा और बसपा की आपसी लड़ाई की वजह से गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें साथ मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ना चाहिए। यह मेरी तरफ से उनके लिए एक सलाह है।
2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन कर छह सीटें जीतने वाली सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ने यह बयान पिछले दिनों सपा के गढ़ माने जाने वाले रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में पार्टी की हार के बाद दिया है। खासकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की छोड़ी हुई आजमगढ़ सीट पर बसपा ने शानदार प्रदर्शन किया था। माना जा रहा है कि इसकी वजह से सपा प्रत्याशी को हार का सामना करना पड़ा। यह भी माना जा रहा है कि सपा नेता आजम खां की छोड़ी हुई रामपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव में बसपा ने जानबूझकर अपना प्रत्याशी नहीं उतारा, ताकि भाजपा को दलित वोट मिलने में आसानी हो।
सपा से जारी रहेगा गठबंधन, जानें क्या बोले राजभर
पिछले दिनों सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को वातानुकूलित कमरों से बाहर निकलकर क्षेत्र में काम करने की सलाह देने वाले राजभर से जब पूछा गया कि क्या वह सपा के साथ गठबंधन जारी रखेंगे तो उन्होंने कहा, अभी तक तो यह बरकरार है। इस सवाल पर कि क्या वह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा मुखिया मायावती को साथ लाने की कोशिश करेंगे, राजभर ने कहा, निश्चित रूप से मेरी तरफ से यह प्रयास किया जाएगा और यह मेरा काम भी है। गौरतलब है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर भाजपा को नुकसान हुआ था और उसकी सीटों की संख्या वर्ष 2014 में मिली 71 सीटों से घटकर 62 हो गई थी।