Lucknow

ट्रेन में बगैर टिकट यात्रा करने वाले पुलिसकर्मियों ने टीटीई को पीटकर किया मरणासन्न. रेलवे अस्पताल में भर्ती. मामला प्रतापगढ़ स्टेशन का

👉गत दिनों में इस तरह का और भी आ चुका है मामला, फिर भी रेलवे के जिम्मेदार अधिकारी गंभीर नहीं

(ओपी सिंह वैस)

लखनऊ। अभी एक हफ्ता भी गोरखपुर प्रकरण हुए नहीं बीता कि योगी जी की बेलगाम पुलिस कर्मियों ने अर्चना एक्सप्रेस में जो वाराणसी से लखनऊ जा रही थी और जैसे ही वाराणसी से चली। सूत्रों के अनुसार इसी बीच A-1 एसी डिब्बे में सादे में एक सिपाही से टीटीई जिनका नाम संदीप सिंह बताया जाता है टिकट मांगा।

टीटीई के अनुसार सिपाही के पास टिकट नहीं था। इसी बात को लेकर दोंनों के बीच पहले कहासुनी हुई बाद में मारपीट ।अपुष्ट सूत्रों के अनुसार टीटीई की नगदी भी छीने जाने की खबर मिल रही है। जीआरपी के अनुसार उक्त सिपाही प्रतापगढ के कंध्ई थाने का है ।

एस ओ ने बताया कि इस घटना की किसी ने लिखित शिकायत नहीं की है ।मामला प्रतापगढ से संबधित नहीं है घटना रास्ते की है और टीटीई लखनऊ में शिकायत दर्ज करने की बात कही ।

सूत्रों के अनुसार टीटीई संदीप सिंह गंभीर रुप से घायल बताये जा रहे हैं हालांकि खतरे से बाहर हैं। सूत्रों के अनुसार लखनऊ ट्रेन पहुंचने पर जी आरपी लखनऊ ने 14/3 को रात्रि 22.18 बजे भारतीय सी आर पीसी धारा 147/332/353/504 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।

भुक्तभोगी टीटीई ने लिखित तहरीर में आरोप लगाया है कि वाराणसी ट्रेन चलने के बाद मैंने जब टिकट मांगा तो उक्त सिपाही ने बोला कि तुम टिकट नहीं मांग सकते और अभद्रता करने लगा जब मैंने विरोध किया , और बी-2 में एक बीमार यात्री से मिलने गया तो वह यात्री नहीं मिला।

इसके बाद मैं A-2 डिब्बे में मैं जैसे गया इतने में प्रतापगढ स्टेशन आ गया और 10-15 वर्दीधारी पुलिस वाले मेरे ऊपर हमला कर दिया मेरे शरीर में गंभीर चोटें आई तथा ये पुलिस वाले फर्जी मुकदमों में बंद करने एवं भददी- भददी गालियां देते हुए फरार हो गये और ये सारी घटना प्रतापगढ आरपीएफ एवं जीआरपी के सामने हुई है यह घटना 14/3/23 को दिन 13.40 बजे की बतायी जाती है ।

सूत्रों के अनुसार इसके पहले अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता अमरनाथ एक्सप्रेस में भी घटना होते होते बची ।और कुछ माह पहले गोरखधाम एक्सप्रेस में भी टीटीई पर जानलेवा हमला हो चुका है लेकिन आज तक रेल प्रशासन ने अपने कर्मचारियों की मदद नहीं की। और यूनियनों के नेता केवल अपनी सीटें बचाने में लगे हुए हैं या जब चंदा लेना होता है तब इनके गुर्गे बरसात के मेढक की तरह निकल आते हैं।

रेलमंत्री जी एवं रेलवे बोर्ड के अधिकारी जबाव दें कि कब तक रेलवे के चेकिंग स्टाफ इनका शिकार होता रहेगा। सूत्रों के अनुसार इस घटना में प्रतापगढ का जो भी आरपीएफ या जी आरपी के सामने घटना हुई है उन्हें तत्काल बर्खास्त करे प्रशासन।

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