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फैजाबाद एईएन आफिस का वरिष्ठ लिपिक बना चर्चा का विषय, फर्जी कागजात पर हुआ मेडिकल अनफिट

लखनऊ : उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में तरह -तरह से घोटाला होने के साथ -साथ अब फर्जी पदोन्नति का मामला भी सामने आ रहा है आम जनमानस में भ्रष्टाचार को लेकर उठायी तरह -तरह से अंगुलियां भाजपा सरकार की करनी एवं कथनी में दिखाई दे रही है असमानताएं। प्राप्त विवरण के अनुसार एक ऐसा मामला उजागर हुआ है जो पूरे उत्तर रेलवे जोन में भ्रष्ट अधिकारियों एवं कर्मचारियों का गठजोङ उजागर होना आम बात है ।

फैजाबाद उ. रे एईएन आफिस में रेल कर्मी रमाकांत जो 2007 में लार्जेस में गैंगमैंन के पद पर नियुक्ति पायी थी इसके बाद इसने ऐसा भ्रष्टाचार का खेल एक यूनियन के नेता के संरक्षण में खेला कि रेलवे के सारे कानून को नजरंदाज कर दिया गया अगर जांच रेलवे निष्पक्ष कराये तो रमाकांत यादव जेल तो जायेगा ही और इसकी रिकवरी भी रेलवे को करनी पङेगी ।

लखनऊ मंडल के आधा दर्जन कर्मचारियों ने बताया कि रमाकांत यादव लगभग दस वर्ष पहले फर्जी मेडिकल अनफिट इस लिए हो गया कि उसकी अंगुली में चोट लगने का निशान था और वह गैंगमैंन के पद पर नौकरी करने में अक्षम पा रहा था और उसको बाबू के पद पर नियुक्ति हो गयी जबकि बाबू का कार्य खुद बिना अंगुली से नहीं हो सकता लेकिन उसमें ये फिट बैठ गया।

सबसे मजे की बात तो ये है कि रमाकांत यादव 2012-13 में अनफिट हुआ और इनको दो वर्ष भी नहीं बीता कि 2800 ग्रेड पे में पदोन्नति पा गया जब कि रेलवे में एक नियम है कि कोई भी रेल कर्मचारी या अधिकारी बिना दो वर्ष पूरा हुए पदोन्नति वेतनमान नहीं पा सकता।

डी आर एम आफिस का एक बाबू ने अपना दूरभाष पर नाम न छापने का आग्रह किया है बताया कि रमाकांत यादव के सेवा पुस्तिका में मेडिकल मेमों भी नहीं लगा है और जो मेडिकल डिकैटेराईज का कागज है उस पर फर्जी चिकित्सक का हस्ताक्षर किया गया है और साफ नहीं दिखाई दे रहा है। रेलवे के कर्मचारियों ने बताया कि अगर कोई रेल कर्मी यूनियन के नेता को पटा ले और बाबुओं की जेबें गरम कर दे तो वह मनमाफिक पदोन्नति ले सकता है।

(अगले अंक में पढें इनके पिता राम मूर्ति यादव का सेवाकाल के दौरान लार्जेस स्कीम में दी गयी नौकरी)

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