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इस बार निघासन विधानसभा में चुनाव बेहद रोचक होने की उम्मीद

निघासन खीरी : इस बार निघासन विधानसभा में चुनाव बेहद रोचक होने की उम्मीद है।भाजपा का गढ़ माना जाने वाला निघासन में कई ऐसी घटनाएं हुई जिन्हें जनता भूल नही पा रही है।देश का सबसे प्रसिद्ध तिकुनियां मामला अब भी लोगों के जहन में है।भाजपा से नाराज मतदाताओ का रुख सपा आलाकमान से चुने गए प्रत्याशी पर टिका है।

वहीं राजनीतिज्ञ जानकारों का मानना है अगर सपा साफ सुथरी छवि का प्रत्याशी मैदान में उतारती है तो कैडर वोट के साथ साथ नाराज किसानों का जत्था भी सपा की ओर मुड़ जाएगा जिससे सपा की नैया पार लगने के कयास लगाए जा रहे है।इसके अलावा तिकुनियां हत्याकांड का मामला भी विपक्ष साथ लेकर चलेगा।जिससे भाजपा को आने वाला समय खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

तिकुनियां किसान हत्याकांड का मामला देशभर में गरमाया रहा।यह मामला चुनाव के समय मे भाजपा से नाराज लोगों को जोड़ने में मददगार भी साबित हो सकता है।क्षेत्रीय लोगों का मानना है कि चुनाव के दौरान भाजपा,सपा में काटे की टक्कर होगी।मौजूदा विधायक की निष्क्रियता भी सपा प्रत्याशी को मजबूती प्रदान करेगी।

सपा की तरफ से दावेदारों की फेहरिस्त लंबी,भाजपा से भी तीन दावेदार टिकट की मांग कर रहे है कांग्रेस को दोबारा से खड़ा करने के लिए जी जान से जुटी कांग्रेस नेत्री,समाजसेविका ऊषा दीक्षित भी जनता के बीच पहुँचकर कांग्रेस की नीतियों का बखान कर रही इसके अलावा मोहनचंद उप्रेती भी कांग्रेस से टिकट की मांग कर रहे है।

अगर सपा की बात की जाए तो दावेदारों की फेहरिस्त काफी लंबी तकरीबन आधा दर्जन प्रत्याशी दावेदारी कर रहे है।जिनमें हिमांशु पटेल, आरएस कुशवाहा,अरुण मौर्य,धनीराम मौर्य,बेनजीर उमर,मो0कय्यूम,शामिल है।हालांकि सपा आलाकमान ने अभी सपा की तरफ से उम्मीदवार की घोषणा नही की है।

भाजपा में दावेदारी में मौजूदा विधायक शशांक का नाम शीर्ष पर जाता है विनिंग सीट होने के कारण हाईकमान कोई भी बदलाव करना शायद मुनासिब ना समझें।फिर भी क्षेत्रीय नेता और जनता के बीच अलग पहचान बनाने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में राजा राजेश्वर सिंह की दावेदारी ठोस मानी जा रही है।

गठबंधन हुआ तो फिरेगा पानी

सपा प्रसपा के गठबंधन से अगर निघासन की सीट सुरक्षित हुई तो दिन रात दौड़ रहे सपा के नेताओ के किए कराए पर पानी फिर जाएगा।क्योंकि प्रसपा के मुखिया शिवपाल यादव और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन के आसार बने हुए है।वहीं शिवपाल के क्षेत्रीय नेताओ में सबसे अजीज और चहेते राजीव गुप्ता तिकुनियां वाले को गठबंधन सीट से मैदान में उतारा जा सकता है।

अभी हाल ही में राजीव गुप्ता ने सोशल मीडिया पर शिवपाल के साथ चर्चा करते हुए तस्वीर साझा की थी जिसके बाद राजनैतिक गलियारों में हलचल मच गई है। इसके अलावा सपा के दावेदारी करने वाले आधा दर्जन नेताओ के चेहरे की रंगत बदल गई है।हालांकि हाईकमान की तरफ से सब गोलमोल रखा गया है।

पूर्वांचल की तरह निघासन से भी अपराधी लड़ सकेंगे चुनाव

तिकुनियां हत्यकांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्र 10 अक्टूबर से जेल में बंद है।उनकी मुसीबतें दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है जबकि आशीष मिश्र मोनू के समर्थक सोशल मीडिया पर सक्रिय होकर विधायक बनाने की जुगत में जनता को आकर्षित करने के प्रयास कर रहे है।वहीं अगर निघासन सीट से ग्रह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष को जेल से चुनाव लड़वाते है तो यह पूर्वांचल के रिकार्ड निघासन में दोहराया जाएगा।

हालांकि चुनाव आयोग किसी भी अपराध में संलिप्त प्रत्याशी का ब्यौरा आदि मीडिया को देने,अपराधों को ना छुपाने की घोषणा की हैं।इसके अलावा पूर्वांचल में सपा के दौर में जेल में बंद होकर नेताओ ने चुनाव जीते है।जबकि प्रदेश में अपराध के खिलाफ योगी आदित्यनाथ की सरकार हैं।

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