Crime

UP : GSVM मेडिकल कॉलेज में फर्जी लेटर से MBBS में एडमिशन लेने दो और छात्राएं पहुंचीं, पुलिस जांच में जुटी

कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में फर्जी एडमिशन लेटर लेकर दाखिले की कोशिश के दो और मामले पकड़े गए हैं। दो छात्राएं फर्जी एडमिशन लेटर लेकर एमबीबीएस में दाखिला लेने सोमवार को पहुंच गईं। प्राचार्य ने दोनों को रोककर पुलिस को सूचना दे दी है। एक सप्ताह में इस तरह का यह दूसरा मामला है। इससे पहले एक छात्रा से एडमिशन के नाम पर 24 लाख की ठगी हो चुकी है।

पिछले हफ्ते रुड़की की छात्रा अपूर्वा सैनी से ठगी हुई थी। उससे रुपये लेकर पूर्व डीजीएमई का फर्जी सीट एलाटमेंट का लेटर थमा कर एमबीबीएस में एडमिशन कराने का दावा किया गया था। जब छात्रा फिजियोलॉजी की क्लास में गई तब उसे फर्जीवाड़े का पता लगा था।

जीएसवीएम मेडिकल कालेज में सोमवार को फिर दो फर्जी दाखिले पकड़े गए हैं। जालसाज ने इस बार भी दोनों छात्राओं को ही निशाना बनाया है। सोमवार को जब दोनों छात्राएं अपने परिजनों के साथ कागजात लेकर एडमिशन के लिए मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स सेक्शन पहुंची तब मामले का खुलासा हुआ। प्राचार्य ने तत्काल पुलिस बुला ली। साथ ही पूरे मामले से शासन को अवगत कराया है।

दिल्ली के द्वारिका सेक्टर नौ निवासी डा. जसबीर एवं मधु चौहान की बेटी विनम्रता स्नेहा सिंह और बिजनौर जिले के नगीना निवासी नरेंद्र दास की बेटी शिवानी दास सोमवार को जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए पहुंची थीं। मेडिकल कालेज की एमबीबीएस की 250 में से 249 सीटों पर पहले ही दाखिला हो चुका है। ऐसे में जब दो छात्राएं दाखिले के लिए पहुंची तो कालेज प्रशासन के कान खड़े हो गए।

इस प्रकरण की जानकारी प्राचार्य, काउंसलिंग प्रभारी प्रो.सुमनलता वर्मा, स्टूडेंट्स सेक्शन के प्रभारी प्रो. नीलिमा वर्मा और यूजी के प्रभारी प्रो. जलज सक्सेना को दी। आननफानन सभी प्राचार्य प्रो. संजय काला के कार्यालय पहुंचे। कागजात की जांच पड़ताल की गई।

इसमें पाया गया कि कागजात प्राचार्य और एडमिशन कमेटी के प्रभारी के हस्ताक्षर से जारी किए गए हैं। कागजात में मेडिकल कॉलेज का ईमेल गलत लिखा था और पिन कोड भी गलत दर्ज था। आश्चर्य की बात यह थी की मेडिकल कॉलेज में एडमिशन फीस ऑनलाइन या नगद जमा की जाती है जबकि इन दोनों छात्राओं से फीस का बैंक ड्राफ्ट लिया गया था।

फीस के लिए 38,500 रुपये का बैंक ड्राफ्ट जमा कराया गया था। फर्जीवाड़े की पुष्टि होते ही प्राचार्य ने तत्काल हैलट चौकी प्रभारी को महिला सिपाहियों के साथ बुला लिया। पुलिस ने दोनों से पूछताछ शुरू कर दी है। ठगों ने एक से 32 लाख तो दूसरे से 50 हजार लिया है।

पिछले हफ्ते रुड़की की छात्रा अपूर्वा सैनी से ठगी हुई थी। उससे रुपये लेकर पूर्व डीजीएमई का फर्जी सीट एलाटमेंट का लेटर थमा कर एमबीबीएस में एडमिशन कराने का दावा किया गया था। जब छात्रा फिजियोलॉजी की क्लास में गई तब उसे फर्जीवाड़े का पता लगा था। छात्रा से एडमिशन के नाम पर 24 लाख की ठगी हुई थी।

पूरी खबर देखें

संबंधित खबरें

error: Content is protected !!