देखिए वीडियो! जय श्री राम का नारा लगाओगे तो पुलिस की लाठी खाओगे सम्मनपुर पुलिस का घटिया कारनामा

एम.एल.शुक्ला
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जय श्री राम का नारा लगाने से भड़क गया सम्मनपुर थाने का सिपाही
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पीड़ित पूछता रहा साहब क्या जय श्री राम का नारा लगाना गुनाह है
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हम तो जा रहे थे जय श्री राम का नारा लगा रहे थे
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आखिर किस गुनाह की सजा दिया जो हम पर लाठी भाजी गई
अंबेडकरनगरl जनपद के सम्मनपुर थाना पुलिस का एक घटिया करतूत और चरित्र आया सामने जिसने पूरे पुलिस प्रशासन को शर्मसार कर दिया। एक तरफ जहां होली त्यौहार को सकुशल संपन्न कराने के लिए प्रशासनिक अमला पूरी तरह मुस्तैदी से खड़ा है और पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी की देखरेख में पूरे जिले में शांति के साथ होली त्यौहार को संपन्न कराना चाहती है वही पुलिस अधीक्षक के अरमानों पर पानी फिरता हुआ सम्मनपुर थाने का यह दबंग सिपाही प्रवीण यादव(प्रमेन्द्र यादव) ने अपनी घटिया मानसिकता का परिचय देते हुए सांप्रदायिक सौहार्द (माहौल)खराब करने का प्रयास किया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल एक वीडियो में सम्मनपुर थाने की पुलिस नजर आ रही है और कुछ पीड़ित जो यह सवाल करते नजर आ रहे हैं कि साहब क्या जय श्री राम का नारा लगाना गलत है। जय श्री राम का नारा लगाने पर आप लाठी से मारेंगे।
आखिरकार आपने हमें क्यों मारा क्योंकि हमने जज श्रीराम का नारा लगाया आपको क्या परेशानी थी मैं ई रिक्शा से जा रहा था आप प्राइवेट वाहन से आए और फिर हमें ई-रिक्शा से उतार कर लाठी से मारा आखिरकार क्यों यही सवाल बार-बार करता रहा यहां तक की पीड़ितों द्वारा इस घटनाक्रम का वीडियो बनते देख सम्म्नपुर पुलिस ने झपट कर रोकने का असफल प्रयास किया और हां अपनी वर्दी की हनक दिखाते हुए लोगों को थाने से भगा दिया।
कप्तान साहब! मामला छोटा नहीं है उबल सकता था क्योंकि इसमें संप्रदायिकता भडकाने को आंच दी गई थी वह भी सम्म्नपुर पुलिस द्वारा यदि यह मामला तूल पकड़ता तो अंबेडकर नगर जिले का माहौल खराब हो जाता तो इसका जिम्मेदार कौन होता। किंतु पीड़ितों ने अपनी समझदारी का परिचय दिया और सम्मनपुर थाने के पुलिस की हकीकत को दुनिया के सामने रखा।
यदि पुलिस विभाग में ऐसे पुलिस के नुमाइंदे होंगे तो कप्तान साहब आपके अरमान कभी नहीं पूरे हो सकते हैं आप चाहे जितना मीटिंग कर लीजिए चाहे जितना हिदायत दे दीजिए और चाहे जितना प्रतिबंध लगा दीजिए जब आपकी ही पुलिसकर्मी ऐसे घटिया कृत आम जनता के साथ करेंगे तो इंसाफ और सुरक्षा का कोई मायने नहीं रखता है।
सवाल है पीड़ित पूछ रहे हैं कि क्या हम लोगों के साथ इंसाफ होगा क्या हम “जय श्री राम” का नारा लगा सकते हैं।
पीडितो ने यह भी आरोप लगा है कि यह पुलिसकर्मी अखिलेश यादव (सपा)का समर्थक है और उसी मानसिकता से प्रेरित होकर इसमें जय श्री राम का नारा लगाने पर लाठियां भाजी। जनपद वासियों को इंतजार हैं और यह देखना चाहते हैं कि”जय श्रीराम” का नारा लगाने वाले पीड़ितों के साथ पुलिस अधीक्षक द्वारा न्याय किया जाएगा या फिर ऐसे घटिया मानसिकता, सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले पुलिसकर्मियों के मनोबल को बढ़ावा मिलेगा।