कीमत मनचाहा मिले तो राजस्व विभाग क्या राष्ट्रपति के आदेश को भी बूटो तले कुचल देगी बसखारी पुलिस

एम.एल.शुक्ला
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बसखारी पुलिस का चेहरा बेनकाब।
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यूं तो लोगों से कहती फिरती है कि राजस्व के मामले में कुछ नहीं कर सकता
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लेकिन हां, कीमत अच्छी हो तो साहब कुछ भी करवा सकते हैं
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अवैध कार्य करवाने का ठेका ले रखा है बसखारी का थानेदार श्रीनिवास पांडे
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लकवाग्रस्त पीड़ित की भूमि पर करवा रहे अवैध कब्जा नहीं हो रही सुनवाई
अंबेडकर नगरl बसखारी थाना क्षेत्र के पटना मुबारकपुर में स्थित संक्रमित भूमि पर एक तरफा अवैध कब्जा किया जा रहा है जिसमें बसखारी पुलिस अपनी सबसे अहम भूमिका अदा कर रही है और पीड़ित परिवार की एक भी नहीं सुन रही उल्टे उसे गाली-गलौज देकर और अपमानित कर थाने से भगा देती है।थाने का दीवान तो खुद को ही पुलिस कप्तान समझ बैठा है पीड़ित के प्रार्थना पत्र को फाडकर कूड़ेदान में डाल देता है। दर्जनों से अधिक बार प्रार्थना पत्र देने के बावजूद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई और धड़ल्ले से हो रहा अवैध निर्माण और काट दिए गए सभी हरे पेड़ों को बसखारी पुलिस की मौजूदगी में।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बसखारी थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पटना मुबारकपुर में स्थित भूमि गाटा संख्या 519 रखवा 0.03 30 हेo का संक्रमित भूमि जिस पर माननीय न्यायालय का स्थगन आदेश है के बावजूद दबंग विपक्षी पुलिस के गठजोड़ से कर रहे हैं अवैध निर्माण। संक्रमित भूमि का पीड़ित रामअशीष पुत्र उदय राज का 1/2 अंश का पक्का हिस्सेदार है जो मामला न्यायालय में विचाराधीन है और स्थगन आदेश है कि स्थिति को बरकरार रखने के लिए।
धन,बल और ऊंची पकड़ का नाजायज फायदा उठाते हुए विपक्षीगण इंद्रदेव वर्मा व परम देव वर्मा पुत्रगण दुर्गा प्रसाद, आलोक वर्मा व आयुष वर्मा पुत्र गढ़ इंद्रदेव, प्रदीप कुमार, दिलीप कुमार, विद्या देवी, बलराजी, पंकज वर्मा व पवन वर्मा पुत्रगण कन्हैया प्रसाद लामबंद होकर षड्यंत्र के तहत बसखारी पुलिस के संरक्षण में इस संक्रमित भूमि पर पूरी तरह से अवैध कब्जा करते हुए अवैध निर्माण कर रहे हैं और संक्रमित भूमि पर लगे सभी हरे पेड़ों को बेतहाशा काट डाला।
पीड़ित बसखारी पुलिस की चौखट पर दौड-दौडकर जाता रहा गिड़गिड़ाता रहा कि साहब अवैध निर्माण, अवैध कब्जा और अवैध कटान को रोकिए किन्तु हथिनी लड़ाई संवेदनहीन बसखारी का थानेदार श्रीनिवास पांडे ने उसकी एक न सुनी आखिरकार सुनता भी क्यों।
साहब तो मलाई खा चुके हैं तो कैसे इस अपाहिज पीड़ित की पीड़ा उन्हें सुनाई और दिखाई पड़ती। और पीड़ित परिवार जब भी विरोध करता तो दबंग विपक्षी गण मारपीट आमदा फौजदारी हो जाते हैं। न्याय पाने की आस में पीड़ित पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी के चौखट पर भी मत्था टेक चुका है किंतु साहब को अपाहिज की पीड़ा का एहसास नहीं हुआ मजबूर होकर उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री से भी न्याय की गुहार लगाई है।
देश के संविधान में न्यायपालिका का सर्वोच्च स्थान है जिसके आदेश की अवहेलना कोई नहीं कर सकता किंतु न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद बसखारी पुलिस न्यायालय के स्थगन आदेश को अपने बूटो तले कुचलते हुए इन दबंग, गुंडा प्रवृति के विपक्षियों का भरपूर सहयोग करते हुए उनके मंसूबों को कामयाब कर रही हैं। बताते चलें कि विपक्षियों में पवन वर्मा पुत्र कन्हैया प्रसाद उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में दरोगा के पद पर लखनऊ में कार्यरत है जो पूरे खेल का मास्टरमाइंड है वर्दी की पावर का दुरुपयोग करते हुए संक्रमित भूमि को पूरी तरह से अवैध कब्जा कर रहा है जिसके प्रभाव व प्रलोभन में बसखारी पुलिस भी बेधड़क साथ दे रही है।
जबकि पीड़ित द्वारा 14 मार्च 2022 को सिविल न्यायालय/ एसडीएम आलापुर के स्थगन आदेश का सख्ती से पालन कराने का निवेदन लेकर उपजिलाधिकारी आलापुर व तहसीलदार आलापुर को प्रार्थना पत्र देते हुए सिविल न्यायालय/ उपजिलाधिकारी आलापुर के स्थगन आदेश का उल्लंघन करते हुए दबंगई व गुंडई के बलबूते विपक्षीगण अवैध कब्जा अवैध निर्माण और पेड़ों की अवैध कटान लगातार कर रहे हैं जिसे रोकने की फरियाद की थी किंतु सब कुछ ढाक के तीन पात ही रह गया। पीड़ित का आरोप है कि विपक्षी दलों से मोटी रकम लेकर बसखारी पुलिस अवैध कब्जा वह अवैध निर्माण करवा रही है और अवैध तरीके से हरे पेड़ों की कटवा दिया।
मामला मीडिया में आने के बाद बसखारी पुलिस के हाथ-पांव फूल रहे हैं क्योंकि मामला न्यायालय से जुड़ा हुआ है और बसखारी पुलिस पूरी तरह से बेनकाब हो रही है ऐसे में बसखारी पुलिस अब डबल माइंड गेम के फार्मूले को अपना रही है। उत्तर प्रदेश शासन का फरमान भी बसखारी थानेदार श्रीनिवास पांडे के लिए कोई मायने नहीं रखता है। सरकार भू-माफियाओं को उनके ठिकाने पर पहुंचाने का काम कर रही है तो बसखारी पुलिस भू-माफियाओं को संरक्षण देकर उनके मनोबल को बढ़ाने का काम कर रहा है।
कप्तान साहब!अगर पुलिस की कार्यशैली ऐसे ही रहेगी तो आम जनता में पुलिस से भरोसा टूट जाएगा और फिर कोई आपकी चौखट पर नहीं गिडगिडायेगा ।लूट जाएगा, मरमिट जाएगा लेकिन आपसे सुरक्षा और न्याय की गुहार नहीं लगाएगा जब आपकी पुलिस ही सारे अवैध कार्यों में संलिप्त होकर मलाई काटने में लगी है और अपाहिज पीड़ितों के साथ अन्याय करने में लगी है तो न्याय और सुरक्षा तो मात्र एक छलावा है।