अम्बेडकरनगर : जनपद की कानून व्यवस्था चरमराई, एसपी से लेकर सीओ व थानेदार तक राग अलाप रहे, घटना को घोटने में जुटे

एम एल शुक्ला
👉सम्मनपुर प्रकरण में एसपी ने राग अलापा प्रकरण को हजम करने का किया सफल प्रयास
👉थाना राजेसुलतानपुर में पुलिस का अमानवीय चेहरा आया सामने
👉थाने के अंदर एक दूसरे के खून के प्यासे जब हो गए सिपाही
👉सीओ आलापुर ने कहा जांच के बाद ही कुछ कह सकता हूं
👉डीजीपी साहब जनपद की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में है
अंबेडकर नगर। सौहार्दपूर्ण होली को सकुशल संपन्न बनाने के लिए जनपद की सुरक्षा व्यवस्था का कमान पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी के हाथों में और थानों की कमान थानेदारों के हाथों में पूरे पुलिस महकमा को चलाने वाले पुलिस कप्तान से अब जनपद की कमान संभाली नहीं जा रही, हां घटनाओं में अनाप-शनाप राग जरूर अलापा जा रहा है।
होली रंगो का त्यौहार है रंग में भंग ना पड़े इसके लिए कानून के रखवाले हैं।त्योहारों को सकुशल संपन्न कराने के लिए कानून का पालन कराने के लिए वर्दीधारी क्षेत्र में भ्रमणशील रहते हैं ताकि कोई भी नियम कानून का उल्लंघन ना कर सके किंतु साहब जब रक्षक ही भक्षक बन जाए और कानून के नियमों का पालन करने के बजाय उल्लंघन करना शुरू कर दें तो फिर उस जनपद में पुलिस व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाती है जो खुद की सिपाहियों को न संभाल सके वह जनपद की कमान क्या संभालेंगे।
आम जनमानस से तो कोई घटना दुर्घटना इस कदर नहीं कि जो समस्या खड़ी कर दे या सौहार्द बिगाड़ दे किंतु जनपद के वर्दी धारियों ने जनपद के माहौल और सौहार्द को बिगाड़ने का पुरजोर कोशिश किया और उसे छुपाने के लिए लीपापोती करते हुए पुलिस कप्तान से लेकर सीओ और थानेदार तक नजर आ रहे हैं।
घटनाक्रम सम्मनपुर थाना क्षेत्र में तैनात कांस्टेबल परमिंदर यादव को “जय श्रीराम” के नारा नागवार तो लगा भद्दी भद्दी गालियां दी फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी और फिर लाठी भी भांजी संदिग्ध भूमिका कांस्टेबल सोनी, अमन पाल ने भी निभाई।जिस पर आनन-फानन में पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी ने टि्वटर हैंडल पर मामले का खंडन कर डाला तो जनाक्रोश बढ गया।
पीड़ित ने स्थानीय थाना सम्मानपुर और फिर पुलिस कप्तान को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की है तो वही करणी सेना के जिला अध्यक्ष शुभम सिंह ने 24 घंटे के भीतर कार्रवाई ना होने पर अग्रिम कार्रवाई की चेतावनी दी है। दूसरी तरफ बसखारी थानाध्यक्ष श्रीनिवास पांडे के कारनामे से क्षेत्रवासियों में काफी आक्रोश व्याप्त है। जब से बसखारी थाने की कमान संभाला है तबसे क्षेत्र में अवैध कार्य पूरे शबाब पर चल रहा है गरीब, मजलूम,असहाय और पीड़ितों की सुनवाई होना संभव ही नहीं है।
हां अगर जेब में लक्ष्मीनिया हो तो थाने आइए आपका स्वागत है के तर्ज पर बसखारी थानाध्यक्ष कर रहे कार्य।
ऐसा ही एक मामला ग्राम पटना मुबारकपुर का निकल कर सामने आया है जिसमें एक लकवा ग्रस्त पीड़ित की भूमि पर बसखारी पुलिस के संरक्षण में अवैध कब्जा हो रहा है साहब मलाई काट रहे।
अब बात करते हैं थाना राजेसुलतानपुर में जहां आम जनता नहीं बल्कि पुलिस के जवानों ने ही कानून के नियम को ताक पर रखकर सारी मर्यादाओं को भूल कर माननीय न्यायालय के भी आदेशों का मखौल उड़ाया जिस पर लीपापोती करने से थानेदार दुर्गेश मिश्र और सीओ आलापुर ने भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ा।
होली का त्यौहार था रंगों से सराबोर था थाना परिसर में होली मिलन का दौर चल रहा था इसी दौरान दो सिपाहीयों मैं कहासुनी हो गई और फिर आपस में भिड़ गए इसी दौरान मनबढ सिपाही अमित सिंह ने सिपाही मनीष यादव पर फायरिंग कर दिया किन्तु बाल-बाल बच गया और पीड़ित सिपाही मनीष यादव ने इस घटनाक्रम को सत्य बताया है।
अब नया खेल शुरू होता है प्रकरण में थानेदार साहब ने क्या गजब की भूमिका अदा की कहा कि थाने में नहीं हूं बाहर हूं कि बात कहकर अनभिज्ञता जताई। तो वही यह भी कह डाला होली का माहौल है सभी सिपाही नशे में होली खेल रहे थे हर्ष फायरिंग हो गई होगी। साहब को इतना भी नहीं याद रहा कि माननीय न्यायालय ने हर्ष फायरिंग पर रोक लगा रखी है।
वही घटना की सूचना पर पहुंचे सीओ आलापुर जगदीश लाल टमटा से घटना के बारे में जानकारी प्राप्त की गई तो प्रकरण में गजब का बयान दिया कहा जांच के बाद ही कुछ कह सकता हूं।साहब कहते हैं अभी कुछ कहना ठीक नहीं।
आम जनमानस में हर्ष फायरिंग हो तो पुलिस मानो कि किसी गैंगस्टर या देशद्रोही को पकड़ लिया हो और कार्रवाई की तलवार तुरंत लटका देती है फिर खूब वाहवाही लूटती है अब थाने के अंदर वर्दीधारी ही नशे में धुत हो और हर्ष फायरिंग करें एक- दूसरे के जान के प्यासे हो जाए तो साहब यह बात हजम नहीं होती।
डीजीपी साहब सच तो यही है कि जनपद की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है पटरी से हट कर काम कर रही है पूरे जनपद में पुलिस का जो रवैया है उससे जनपदवासी पूरी तरह से असंतुष्ट, हतोत्साहित, निराश, डरे और सहमे हुए हैं किसी भी पीड़ित को कहीं न्याय नहीं मिल रहा है उसकी मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है।