
टांडा(अम्बेडकरनगर): टांडा कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत स्मैक की बिक्री जोरों पर है। टांडा स्मैक बिक्री का प्रमुख केंद्र बना हुआ है,स्मैक के सेवन से कई दर्जन युवा काल के गाल में समा चुके हैं, इस केन्द्र से गांव -गांव तक स्मैक की बिक्री की जा रही है , युवा पीढ़ी बर्बाद हो रही है जिससे लोगों का जीवन बर्बाद हो रहा है बताया जाता है कि एक कद्दावर नेता के शह पर टांडा में खुलेआम स्मैक की बिक्री की जा रही है आखिर यह मौत का सौदागर कौन है? यहअहम सवाल बना हुआ है।
टांडा वर्तमान समय में स्मैक का गढ बना हुआ है स्मैक का यह अड्डा क्षेत्र में स्मैक बिक्री का प्रमुख केंद्र है। स्मैकिए नगर में छोटी मोटी चोरियां करके अपराध की दुनिया में प्रवेश करते हैं। स्मैकियों द्वारा की गई चोरियों से स्थानीय लोग परेशान है। मादक पदार्थों की बिक्री और सेवन पर लगाम नहीं लगाया जा रहा है। महीनों से यह धंधा और फलने फूलने लगा है इस समय का रेट उसे ₹150 प्रति पुड़िया। ₹300 रू 200 पुडिया ₹500 प्रति पुडिया ₹1000 पुड़िया चल रहा है.
यह स्मैकिये मस्जिद की टोटी , मंदिरों का घंटा व बिजली के तार ,साइकिल,आदि चोरी कर रहे हैं इसे आम जनता बेहद परेशान है दर्जनों नव युवक स्मैक पीकर काल के गाल में समा चुके है, टांडा में खुलेआम स्मैक की बिक्री की जा रही है जिससे नगरवासी हैरान और परेशान हैं आखिर यह मौत का सौदागर कौन है? और इस मौत के सौदागर के ऊपर पुलिस हाथ क्यों नहीं डाल रही है? इसे लेकर नगर में तरह-तरह की चर्चाएं व्याप्त है प्रबुद्ध वर्गीय के लोगों ने स्मैक की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की है ।