स्वतंत्रता के 75 सालों में यह पहला अवसर है जब राज्य के कोई मुख्यमंत्री बलिया बलिदान दिवस समारोह में हुए शामिल

हिन्दमोर्चा न्यूज़ ब्यूरो रिपोर्ट
(बलिया) शुक्रवार को बलिया बलिदान दिवस के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आगमन बलिया के लिए गौरव माना जा रहा है स्वतंत्रता के 75 सालों में यह पहला अवसर है जब राज्य के कोई मुख्यमंत्री बलिया बलिदान दिवस समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने क्रांतिकारियों की धरती को नमन करते हुए कहा कि आजादी के लिए बलिया ने जो तेवर दिखाया वह अविस्मरणीय है गुलामी की जंजीरों में जकड़े देश को आजादी के लिए बलिया के वीरों ने अपना योगदान दिया है उन्होंने कहा कि मंगल पांडे ने बैरकपुर छावनी में स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी जलाई थी वही महात्मा गांधी ने जब अंग्रेजों छोड़ो भारत का नारा दिया था.
तब महान सेनानी चित्तू पांडे ने अपनी भूमिका का निर्वहन किया इन्हीं सब का नतीजा है कि आज हम सब आजाद हैं उन्होंने कहा कि बलिया की धरती पर आकर मैं अभिभूत हूं। मुख्यमंत्री करीब 1 घंटे तक मौजूद रहे और जिला कारागार से ऐतिहासिक जुलूस को हरी झंडी दिखाई उन्होंने कहा कि 19 अगस्त का दिन बलिया के लिए महत्वपूर्ण है।
वर्ष 1942 में इसी तारीख को चंद दिनों के लिए ही सही बलिया अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो गया इस आजादी के लिए अनेकों सेनानियों को बलिदान होना पड़ा बलिया बलिदान दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश का स्वतंत्रता संग्राम बलिया नामक पुस्तक का विमोचन किया मुख्यमंत्री ने पुस्तक के लेखक डॉ शिवकुमार कौशिक को पुस्तक के माध्यम से बलिया की गौरवशाली गाथा का संजीव वर्णन करने के लिए सराहना की मुख्यमंत्री ने कहा कि बलिया में मेडिकल कॉलेज के लिए 5 साल से जमीन मांग रहा हूं लेकिन अभी तक उपलब्ध नहीं हुई जबकि यह काम 3 साल पहले हो जाना चाहिए था.
सीएम ने कहा कि आज इसी काम के लिए मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र जी को साथ लेकर आया हूं यहां की मूलभूत सुविधाओं को और मजबूत बनाना है इससे पहले मंत्री दयाशंकर सिंह ने पीएम मोदी की आकर्षक प्रतिमा व राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी ने मंगल पांडे की पेंटिंग देकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बलिया में परिवहन की सुविधाएं और बेहतर होनी चाहिए परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह बलिया के हैं दयाशंकर सिंह का नाम लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बलिया से लखनऊ की दूरी को लगातार कम करते रहे। बलिया को एक्सप्रेस वे से जोड़ने की बात कही इलेक्ट्रिक बसें चलवाएं बलिया नगर का दायरा बढ़ाए बलिया के विकास के लिए सभी जनप्रतिनिधियों को आगे बढ़कर काम करने के लिए कहा.
अपने संबोधित में मुख्यमंत्री ने कहां की 1942 में बलिया ने स्वतंत्र राष्ट्र घोषित कर दिया डीएम और एसपी नियुक्त कर दिए थे सेनानियों ने जिला कारागार पर हमला बोल दिया था क्रांतिकारियों को छुड़ा लिया था और चित्तू पांडे के नेतृत्व में अस्थाई सरकार का गठन भी कर दिया बाद में ब्रिटिश हुकूमत ने 84 क्रांतिकारियों को गोलियों से भून दिया था बलिदान और त्याग बलिया को नई पहचान देता है बलिया पवित्र स्थल का प्रतीक है इमरजेंसी के दिनों में भी बलिया ने अग्रणी भूमिका निभाई एक आम आदमी के मौलिक अधिकारों की सुरक्षा व स्वालंबन के लिए जयप्रकाश जी के नेतृत्व में आंदोलन चला इसमें चंद्रशेखर का योगदान सराहनीय रहा।