सरकारी भवन की सुरक्षा के बजाय रामपुर सकरवारी के भू-माफिया प्रधान का मददगार बने अधिकारी

अम्बेडकरनगर। जनपद में अपनी ही सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा और संरक्षा जिला प्रशासन नहीं कर पा रहा है तो आम जनता की सुरक्षा एवं संरक्षण का अंदाजा लगाया जा सकता है। विकास खंड अकबरपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत रामपुर सकरवारी में ग्राम प्रधान प्रतिनिधि द्वारा द्वारा जहां नियमों को ताक पर रखकर हरिजन कल्याण के लिए बनाई गई 10 दुकानों पर कब्जा करने के साथ ही उनके नवईयत बदल दी गई है वहीं ग्राम प्रधान प्रतिनिधि द्वारा बगल में स्थित साधन सहकारी समिति की बनी बनाई बिल्डिंग को भी छति पहुंचाते हुए उसकी जमीन पर भी कब्जा कर लिया है। ग्राम निवासी कृष्ण प्रताप सिंह एवं सचिनव ने इसकी शिकायत जिलाधिकारी, ए आर,एसडीम सदर तथा थाना अध्यक्ष से भी की गई है इसके बावजूद भी किसी भी अधिकारी के कान पर जूं नहीं रेंग रही है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी द्वारा एसडीएम सदर तथा सीओ सिटी को जांच की जिम्मेदारी दी गई है जबकि दोनों ही अधिकारी मामले में जांच की कोई आवश्यकता ही नहीं समझ रहे हैं। इधर एआर द्वारा मामले की जानकारी होने के बाद भी महीनों बाद अपनी प्रतिक्रिया देने से कतरा रहे हैं। दूरभाष पर ए आर राघवेंद्र शुक्ला ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है और सहकारी समिति की भूमिका सीमांकन कराए जाने की प्रक्रिया चल रही है जब तक भूमि का सीमांकन नहीं करवा लिया जाता तब तक किसी प्रकार की कार्यवाही का सवाल ही नहीं पैदा होता। इससे यह लगता है कि जैसे एआर द्वारा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि का खुलेआम संरक्षण किया जा रहा है इस संरक्षण के पीछे कारण चाहे जो भी हो लेकिन साधन सहकारी समिति की तोड़ी गई बिल्डिंग के छज्जे एवं जंगले की प्राथमिकी की न दर्ज कराया जाना उनके कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान लग रहा है। जिससे ग्राम प्रधान प्रतिनिधि का मनोबल बढ़ता चला जा रहा है। बताते चलें कि हरिजन कल्याण के लिए बनाई गई दुकानों पर दो मंजिला मकान नहीं बनाया जा सकता लेकिन ग्राम प्रधान प्रतिनिधि द्वारा शासन के निर्देशों की खुले आम धज्जियां उड़ा दिया है ऐसे में सवाल उठता है कि जब अधिकारी मामला संज्ञान में आने के बाद भी कार्यवाही करने से कतराते हैं तो आम जनता की सुरक्षा एवं संरक्षा की उम्मीद कैसे की जा सकती है।