Ayodhya
लेखपालों के भ्रष्टाचार का नायाब फण्डा,मुंशियों के सहारे फरियादियों से करवा रहे वसूली

अम्बेडकरनगर। तहसीलों के लेखपालों द्वारा भ्रष्टाचार का नायाब फण्डा अपनाया गया है। अवैध रूप से रखे मुंशियों के सहारे फरियादियों से सुविधा शुल्क वसूल करवायी जा रही है। इसकी शिकायतें भी आये-दिन लेखपालों से काम के लिए आने वाले फरियादियों द्वारा हो रही है किन्तु गंभीरता से अधिकारियों द्वारा न लिये जाने से उनके मनोबल काफी बढ़ गये हैं जब कि बगैर रिश्वत के किसी भी फरियादी का भला नहीं हो रहा है।
ज्ञात हो कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा भले ही निरन्तर आदेश निर्गत हो रहे हैं किन्तु इसका असर कहीं देखने को नहीं मिल रहा है। नजीर के तौर पर देखा जाए तो तहसीलों के जो भी लेखपाल है उनके द्वारा अवैध रूप से मुंशी रखे गये है जिन्हें अपने कार्य की जिम्मेदारी दी गयी है। ऐसे लेखपालों के हल्का से जो भी फरियादी आये दिन आते हैं उनसे कार्य के बदले सौदेबाजी इन मुंशियों द्वारा करना आमबात हो गयी है। जमीनों के विवाद से लेकर प्रमाण पत्रों के निर्गत करने में बगैर सुविध शुल्क के किसी का भला नहीं हो पा रहा है। फरियादियों को बार-बार लेखपाल द्वारा हीला-हवाली करने के पश्चात यह बता दिया जाता है कि मुंशी से मिल लीजिए और जैसे ही सम्बंधित मुंशी से सम्पर्क करता है वहीं उसके द्वारा यह फरमान जारी हो जाता है कि सुविधा शुल्क के बगैर कुछ होने वाला नहीं है। थक हार कर परेशान हो रहे फरियादी की मजबूरी बन जाती है कि वह उसकी मंशानुरूप मांगी रकम को उपलब्ध कराये। इस भ्रष्टाचार के चलते अधिकांश फरियादियों के मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो पा रही है वहीं जमीनों के तमाम मामले को लेकर फरियादी इधर-उधर भटक रहे हैं और जो नियम विरूद्ध रहते हैं उन्हीं को यह भ्रष्टाचार लाभान्वित करा रहा है ऐसी काली करतूत को देखना है तो किसी भी तहसील के समाधान दिवसों में आये जमीन व अन्य फरियादियों के मामले के रिकार्ड एक महीने का गहनता से निरीक्षण करा लिया जाए तो लेखपालों और उनके मुंशियों का काला कारनामा सामने आ जायेगा जिनके द्वारा नियम विरूद्ध कार्यों से फरियादियों के शिकायतों का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है।