बाबा साहब ने सामाजिक समर सता को बढ़ाने के लिए देश को सशक्त संविधान दिया है: राम आसरे अकेला

टांडा,अंबेडकरनगर ।भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, उनके सपनों को तभी साकार किया जा सकता है, जब उन्हें अपना आदर्श मानकर उनकी बताएं मार्ग पर चल आ जाए, और यह तभी संभव है जब पूरा समाज शिक्षा के महत्व को समझें, खुद शिक्षित हो और दूसरों को भी शिक्षा के प्रति जागरूक करें। उक्त विचार टांडा शोषित समाज परिषद के अध्यक्ष राम आसरे अकेला ने व्यक्त किया। वह बीते दिनों डॉ. अंबेडकर की जयंती पर शोभायात्रा निकालने व आयोजन को भव्यता देने वाले समितियों के पदाधिकारियों के लिए अखिल भारतीय संत गाडगे मिशन द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब ने सामाजिक समरसता को बढ़ाने और भेदभाव की खाई पाटने के लिए देश को सशक्त संविधान दिया। बाबा साहब उस संविधान के निर्माता थे, जिसकी वजह से आज सभी को समान अधिकार प्राप्त हुए हैं और भारत देश एक नई दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने सभी को शिक्षा का महत्व समझाया। उन्होंने पिछले 64 वर्षों से डॉ अंबेडकर जयंती पर आयोजित हो रहे कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी। कहां कि भारत का संविधान लिखने के अलावा दलित समाज को मुख्य धारा से जोड़ उनके विकास का मार्ग सशक्त करने वाले बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पहली बार 1961 में मनाई गई थी। उस समय महज 16 लोगों ने मिलकर शोभायात्रा निकाली थी। आज बृहद रूप में आयोजन हो रहा है। कहां कि 1983 में डॉ अंबेडकर पार्क की नीव रखी गई। बाद में प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे वीर बहादुर सिंह ने यहां डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करवाई। इस बीच डॉक्टर प्रेम, इंजीनियर विक्रम प्रसाद सावंत आदि लोगों ने डॉ. अंबेडकर के विचारों को लोगों तक पहुंचाने का काम किया। इस दौरान अखिल भारतीय संत गाडगे मिशन उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष दिवाकर कन्नौजिया एवं संरक्षिका पूजा कनौजिया ने शोषित समाज परिषद के अध्यक्ष राम आसरे अकेला समेत सभी पदाधिकारियों एवं 42 शाखा समितियों को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह के अलावा डॉ अंबेडकर का चित्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के अंत में सह भोज का आयोजन किया गया। इस दौरान पूर्व प्रधान सतईराम, राम प्रसाद, राम दौर, अनिल चंद्र, धर्मेन्द्र कुमार, मनोज आदि बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।