बाइक सवार तीन युवकों ने निहत्थे पर किया जानलेवा हमला, बेवाना पुलिस कर रही खेल

👉पीड़ित को मरा समझकर फरार हुए तीनों हमलावर
👉आनन-फानन में जिला अस्पताल से मेडिकल कॉलेज सदरपुर रेफर किया गया
👉पीड़ित के भाई ने दिया तहरीर जिसमें पुलिस ने कर दिया खेल
👉हमलावरों का रहनुमा बन पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई
अंबेडकरनगर। बेवाना पुलिस का घिनौना चेहरा हुआ बेनकाब पीड़ित के साथ न्याय ना करके हमलावरों की कर रही रहनुमाई। एक तरफ जिंदगी और मौत का जंग लड़ रहा पीड़ित तो वहीं दूसरी तरफ बेवाना पुलिस का यह घिनौना चेहरा और चरित्र खुलकर आया सामने।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बेवाना थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम करमा जगदीशपुर निवासी दिलीप कुमार उपाध्याय पुत्र स्वर्गीय रामचंद्र उपाध्याय ने बेवाना थाने में प्रार्थना पत्र देते हुए भाई प्रदीप के साथ हुए जानलेवा हमले के संबंध में प्रार्थना पत्र देते हुए उचित कार्रवाई की मांग करते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
जिसमें दिलीप कुमार ने प्रार्थना पत्र में बयां किया है कि पुरानी रंजिश के चलते ग्यारह नवंबर को शाम लगभग छः बजे मेरे भाई प्रदीप पर जानलेवा हमला तब किया जब भाई प्रदीप अपनी देसी साइकिल से घर आ रहा था कि घात लगाए बाइक सवार तीन बदमाशों ने जिसमें हरिराम पुत्र राजाराम ,दीनानाथ पुत्र संतराम गुप्ता और श्याम प्रकाश पुत्र हरिराम गोलबंद होकर मोटरसाइकिल से आ धमके और प्रदीप को भद्दी-भद्दी गालियां देने लगे।
फिर जब जीना भरा तो नियोजित प्लान के तहत बाइक से प्रदीप को जोरदार टक्कर मारकर गिरा दिया और अपने मंसूबे में कामयाब होने की नियत से बाइक को प्रदीप के ऊपर कई राउंड आगे पीछे करके उसके ऊपर चढ़ा दिया जिससे प्रदीप को पैर में काफी चोटें आई हैं और गर्दन में भी गंभीर चोटें आई हैं और काफी रक्त का स्राव होने के कारण प्रदीप अपना मानसिक संतुलन खो बैठा।
पीड़ित को आनन-फानन में एंबुलेंस के द्वारा प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया जहां से हालत को गंभीर देखते पीजीआई टांडा रेफर किया गया जहां पर उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। घटना से आहत परिवार ने बेवाना पुलिस को प्रार्थना पत्र देते हुए न्याय की गुहार लगा रही है किंतु निर्दयी बनी बेवाना थाना की पुलिस पीड़ित की फरियाद को ही कई ठोकर मारी और उसके प्रार्थना पत्र में भी खेल कर दिया, के बावजूद भी कार्यवाही करने से कतराती रही।
हद ऐसी सीमा पार करती रही कि गंभीर हालत से जूझ रहे पीड़ित की पुलिस ने दो दिनों तक मेडिकल नहीं कराया और जब मामला मीडिया के संज्ञान में आया तो बेवाना पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे।
तब जाकर पीड़ित का मेडिकल कराया परंतु अभी तक पुलिस ने ऐसी कोई कार्रवाई नहीं किया जिससे पीड़ित को जरा सा भी राहत मिल सके बल्कि तीनों हमलावरों का हमदर्द बनी हुई है।
सूत्र बताते हैं कि प्रकरण में बेवाना पुलिस अपने चरित्र हीनता, निर्दयता का परिचय दे रही है लक्ष्मीनिया के प्रलोभन में तीनों हमलावरों का साथ देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है जिसका नतीजा कि पीड़ित परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है लेकिन बेवाना पुलिस के कानों में जूं तक नहीं रेंग रहा है।
कप्तान साहब! आप की कप्तानी पर तो सवाल उठना लाजमी है आपके ऐसे ऐसे रहनुमा जो पीड़ितों का नहीं गुंडों, बदमाशों, माफियाओं और हमलावरों का साथ देती हैं और ऐसे ही चरित्रहीन संवेदनहीन कर्तव्य और निष्ठा को ताक पर रखकर सिर्फ लक्ष्मीनिया के प्रलोभन में मलाई काटने वाले वर्दीधारी उत्तर प्रदेश सरकार की मंशा पर पूरी तरीके से पानी फेरने में नहीं चूक रहे हैं।