बाइक चोरी के झूठे आरोप में निर्दोश को फंसाना पुलिस को पड़ा भारी

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बाइक चोरी के झूठे आरोप में निर्दोश को फंसाना पुलिस को पड़ा भारी
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न्यायालय से पीड़ित को मिला न्याय,दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मुकदमें का आदेश
जलालपुर, अंबेडकरनगर। बाइक चोरी के झूठे आरोप में निर्दोष को फंसाना कोतवाली पुलिस को भारी पड़ गया है। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायालय ने तीक्ष्ण टिप्पणी करते हुए इस मामले में शामिल पुलिस कर्मियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है। प्रकरण जलालपुर कोतवाली क्षेत्र के गुवापाकड़ गांव के निवासी संजय यादव का है जिनकी बाइक 1 दिसंबर 2021 में चोरी हो गई थी जब वह जलालपुर थाना क्षेत्र के ही सोनगांव निवासी श्रीदेव यादव की बेटी की शादी में बारात गए हुए थे।
बाइक चोरी की तहरीर देते हुए संजय यादव ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था। 14 दिसंबर 2021 को चोरी हुई बाइक गांव के ही कुंए से बरामद की गई थी जिसका वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ था और जिसके प्रत्यक्षदर्शी गांव के कई ग्रामीण भी थे किंतु पुलिस ने फर्जी केस बनाते हुए सोनगांव के रामकिशोर पुत्र उमेश को गिरफ्तार कर लिया था।
तत्समय पारिवारी जनों को पुलिस द्वारा सूचित नहीं किया था और बाद में बाइक चोरी के आरोप में जेल भेज दिया गया था। बाद में पीड़ित रामकिशोर ने उपनिरीक्षक ओम प्रकाश यादव तथा सिपाहियों अजय कुमार सिंह, संदीप यादव व उमाकांत यादव और सोनगांव के श्रीदेव यादव व गुवापाकड़ के संजय यादव के ऊपर एकमत होकर कूट रचित तरीके से फर्जी केस में फंसाने के विरुद्ध पुलिस अधीक्षक से शिकायत की थी.
किंतु वहां कोई सुनवाई नहीं होने पर पीड़ित रामकिशोर ने अंतत न्यायालय की शरण ली। पीड़ित की अपील पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने बीते 5 सितंबर तक का समय देते हुए कोतवाली पुलिस को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया था।
न्यायालय के आदेश के एक माह बीतने बावजूद भी कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज नहीं किया था जिस न्यायालय ने कोतवाली पुलिस को अपने कर्तव्यों के प्रति उदासीन व अक्षम मानते हुए न्यायालय के आदेश के अनुपालन में ढिलाई बरतने के कारण कोतवाल को इस 27 अक्टूबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने तथा मामले का लिखित स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया था। न्यायालय के सख्त रुख को देखते हुए कोतवाली पुलिस ने सभी आरोपित पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है।