Ayodhya

प्रमुख तीर्थ स्थलों के लिए जलालपुर से श्रद्धालुओं का कारवां रवाना

 

अम्बेडकरनगर। शिया समुदाय में पवित्र तीर्थ स्थलों की यात्राएं व्यक्तिगत रूप से और कारवां के रूप में उत्साह, भक्ति, प्रेम और जुनून के साथ जारी रहती है। लगभग चौदह सौ वर्ष बीत जाने के बाद भी दुनिया के लोग सैय्यद अल-शुहादा हजरत इमाम हुसैन (अ.स.) के चमत्कारों से आश्चर्यचकित हैं। आज दुनिया में इमाम हुसैन (अ.स.) के नाम पर जितना धन खर्च किया जा रहा है, उतना धन दुनिया में किसी अन्य धार्मिक, राजनीतिक, सामाजिक या सांस्कृतिक नेता के नाम पर खर्च नहीं किया जाता। ये विचार इमाम रजा के काफिले के शिक्षक मौलाना मुहम्मद हैदर ने पवित्र तीर्थस्थलों की तीर्थयात्राओं की श्रृंखला में मजलिस सैयद अल-शुहादा के दौरान व्यक्त किए। मौलाना ने आगे कहा कि यात्रा अल्लाह की इच्छा के अनुसार एक बहुत लोकप्रिय कार्य है। इसी सीरत व सुन्नत पर अमल करने की नीयत से करवाने इमाम रजा शुक्रवार 22 मई को दरगाह हजरत कासिम जलालपुर से रवाना हुआ। इस मौके पर मौलाना अशफाक हुसैन प्रिंसिपल हैजा ए इल्मिया बकियतुल्लाह, मास्टर अमीर हैदर, हुर, मौलाना करार हुसैन तुराबी, मास्टर मोहम्मद बेलाल, मेहदी रजा, फेरासत हुसैन, हाजी फरमान रजा, जर्रार हुसैन, मोहम्मद अब्बास, मास्टर आलम समेतअन्य रिश्तेदार व दोस्त खुदा हाफिज कहने के लिए मौजूद रहे।

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