देश की सुरक्षा में तैनात सैनिक को राजस्व कर्मियों की कार्य शैली से नहीं मिल रहा न्याय

मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल से लेकर डीएम से फरियाद करते थक चुका है फरियादी सैनिक
अंबेडकरनगर। जम्मू कश्मीर में देश की रक्षा में तैनात सैनिक की सुनवाई नहीं हो रही है।दो दर्जन से अधिक बार मुख्यमंत्री पोर्टल पर दर्ज कराई गई शिकायत के बाद संबंधित न्यायालय में वाद दायर कर अनुतोषण प्राप्त करने की आख्या लगा दिया जा रहा है।अब जब सैनिक जिलाधिकारी न्यायालय में वाद दायर किया। अदालत ने तहसील से आख्या मांगी किंतु वाह रे राजस्व प्रशासन पांच माह बीतने को है प्रारंभिक रिपोर्ट लगाने में आनाकानी की जा रही है। मामला जलालपुर तहसील के भिस्वा चितौना गांव का है।गांव निवासी रघुवंश तिवारी पुत्र मूर्ति तिवारी वर्तमान समय में जम्मू कश्मीर में देश की रक्षा में तैनात है। इन्होंने गांव निवासी एक किसान से गाटा संख्या 254 ग में लगभग 4 बिस्वा भूमि का बैनामा लिया।जिसके किसी प्रकार की आपत्ति नहीं दाखिल होने के नाते बैनामा शुदा जमीन इनके नाम रिकॉर्ड में दर्ज हो गई।इसी गाटा का कुछ भाग बंजर आदि खाता के रूप में दर्ज है।इस दौरान जब सैनिक छुट्टी आदि लेकर घर आता तो जिलाधिकारी से लेकर उपजिलाधिकारी तहसीलदार समेत अन्य राजस्व अधिकारियों से शिकायत दर्ज करा कर अपनी जमीन पर कब्जा की मांग करता है।दो वर्ष पहले तत्कालीन जिलाधिकारी के निर्देश पर जलालपुर उपजिलाधिकारी पूरी राजस्व टीम और पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पैमाईश कर कब्जा दिलाने का प्रयास किया किंतु कुछ लोगो के विरोध और राजनैतिक दबाव के कारण वापस लौट गए।इस दौरान सैनिक जमीन पर कब्जा पाने के लिए दो दर्जन से अधिक बार मुख्यमंत्री पोर्टल जिलाधिकारी, संपूर्ण समाधान दिवस समेत अन्य अधिकारियों से शिकायत दर्ज करा चुका है। इसके वावजूद अधिकारी ऊलजुलूल आख्या लगाकर प्रकरण को निस्तारित कर नबर एक बने हुए है। मुख्यमंत्री पोर्टल, विशेष सचिव मुख्यमंत्री आदि पर लगाए गए आख्या के अनुसार सैनिक ने जिला मजिस्ट्रेट अदालत में अपना बैनामा शुदा रकबा नक्शा में तरमीम करने का वाद पिछले वर्ष 2024 में किया। जिला मजिस्ट्रेट अदालत ने उपजिला मजिस्ट्रेट जलालपुर से प्रारंभिक रिपोर्ट मांगी किंतु 5 माह बीतने के बाद तहसील प्रशासन अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट नहीं लगा पाई। कारण चाहे जो हो किंतु पीड़ित सैनिक की गुहार कोई सुनने वाला नहीं है। मामला संज्ञान में है। नायब तहसीलदार को तीन दिन में प्रारंभिक रिपोर्ट लगाने का निर्देश दिया गया है। पवन जायसवाल उपजिला मजिस्ट्रेट जलालपुर।