Ayodhya

जिले में आउटसोर्सिंग कम्पनियों में भर्ती कराने का गिरोह सक्रिय, युवाओं को बना रहे ठकी का शिकार

  • जिले में आउटसोर्सिंग कम्पनियों में भर्ती कराने का गिरोह सक्रिय, युवाओं को बना रहे ठकी का शिकार
  • दर्जनों इनके झांसे में आकर गवां चुके हैं खून-पसीने की कमाई,हाथ नहीं आई नौकरी
  • आये दिन पुलिस से हो रही शिकायतें,जांच एवं कार्यवाही न होने से ठगों के हौसले बुलन्द
अम्बेडकरनगर। जिले में आउटसोर्सिंग कम्पनियों ने भर्ती कराने का गिरोह सालों से सक्रिय है जिनके द्वारा युवाओं को नौकरी दिलाने के लिए ठगी का शिकार बनाया जा रहा है। दर्जनों की संख्या में लोग इनके झांसे में आकर खून पसीने की कमाई का रकम देकर अब भटकने को मजबूर है। ऐसे लोगों द्वारा पुलिस से शिकायतें की जा रही है किन्तु निष्पक्ष जांच एवं कार्यवाही न होने से इस तरह के गिरोहों का हौसला बुलन्द है।
ज्ञात हो कि शासन द्वारा विभागों में श्रृजित पदों के सापेक्ष भर्ती न होने से कार्य प्रभावित हो रहा था। पूर्ववर्ती सरकार में इस समस्या के निदान में आउटसोर्सिंग कम्पनियों को विभिन्न पदों पर कार्य के लिए अभ्यर्थियों की आपूर्ति के लिए अवसर दिया। इसके पश्चात आउटसोर्सिंग कम्पनियों द्वारा कर्मचारियों की आपूर्ति शुरू हो गयी।

वर्तमान में कोई विभाग अछूता नहीं है जहां आउटसोर्सिंग कर्मचारी अपने दायित्व का निर्वहन न कर रहे हों। इस तरह की बेरोजगारी में युवाओं को असली आउटसोर्सिंग कम्पनियों से सामना न होने से इन्हीं की आड़ में गिरोह सक्रिय हो गया है जिनके द्वारा युवाओं को झांसा देकर उन्हें विभागों में 8 से लेकर 20 हजार महीने की नौकरी का ठेका लिया जा रहा है।

इस जिले में देखा जाए तो वर्ततान में दर्जनों की संख्या में शिक्षित बेरोजगार ऐसे गिरोहों के झासे में आकर उन्हें कोई 1 तो कोई 2 लाख देकर ठगी का शिकार हुआ है। ऐसे युवाओं को सालों से न नौकरी मिली और न ही उनके दिये पैसे की वापसी हो रही है। इसी तरह के एक गिरोह का कृत्य आया है जिनके सदस्य राज कुमार पुत्र राम शकल राजभर निवासी मीरपुर बेलहरी द्वारा पहले स्वास्थ्य विभाग में नौकरी दिलाने के लिए मालीपुर थाना क्षेत्र के गुवावां जमालपुर के रहने वाले एक युवा से 80 हजार रूपये लिया गया और उसे प्रशिक्षण के लिए आजमगढ़ भेज भी दिया गया किन्तु वहां जाने पर उसे पता चला कि यह फर्जी है।

वापस आने के बाद उसने जब दास्तान बताया तो उक्त ठग ने फिर रेलवे में नौकरी का नियुक्ति पत्र दे डाला। वह भी फर्जी ही निकला। इसे लेकर लगभग 2 साल से वह परेशान है और अपने दिये रूपये मांगने के लिए चक्कर काट रहा है। यह तो एक गिरोह का मामला है इसी तरह से जिले में कई गिरोहों के सदस्य विभागों में आउटसोर्सिंग की नौकरी दिलाने का ठेका लेते फिर रहे हैं। कई भुक्तभोगियों ने पुलिस तक शिकायत भी की किन्तु उन्हें अब तक न्याय नहीं मिला सका है।

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