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NR मंडल में सीबीआई के ताबड़तोड़ एक्शन बावजूद नहीं थम रहा भ्रष्टाचार

  • NR मंडल में सीबीआई के ताबड़तोड़ एक्शन बावजूद नहीं थम रहा भ्रष्टाचार

चीफ इंजीनियर गिरफ्तार दूसरे यूनियन नेता आरपीएफ के हत्थे चढ़ा,सभी के बचाव का आका बैठा दिल्ली में

लखनऊ। उत्तर रेलवे मंडल एक बार फिर भ्रष्टाचार में नाम रोशन किया है। सीबीआई ने हजरतगंज से एक ऐसे डिप्टी चीफ इंजीनियर को पांच लाख रूपये लेते हुए किया गिरफ्तार जो विगत कई वर्षो से रेलवे को लूटने का काम कर रहा था। छापेमारी में बावन लाख से अधिक नगदी सीबीआई ने रंगे हाथ बरामद किया है जिसमें हरीश कुमार के साथ दो बाबू एवं एक अधिकारी कार्यवाही के शिकंजे से फरार होना बताया जा रहा है।

सूत्र की मानें तो उक्त मण्डल के लोक सेवकों एवं ठेकेदारों सहित दस आरोपियों के खिलाफ सात नवंबर 2023 को केस दर्ज हुआ था ।सबसे मजे की बात तो ये है कि व्यापारी पिता -पुत्र जौनपुर निवासी वीरेन्द्र तोमर तथा प्रशांत तोमर को भी गिरफ्तार किया है इस गिरफ्तारी की भूमिका में एक चर्चित ठेकेदार तथा यूनियन नेता की भूमिका अहम बतायी जा रही है।

सीबीआई ने आरोपियों के राजधानी एवं जौनपुर जिले के ठिकानों पर छापा मारकर तमाम दस्तावेज एवं नगदी बरामद किया है। बताया जाता है कि उक्त निर्माण विभाग का अधिकारी कुछ ठेकेदारों के साथ मिलकर टेंडर में फेर बदल व बकाया भुगतान कराने आदि का कार्य सालों से कर रहे थे।

वहीं दूसरी तरफ दिल्ली मंडल के गाजियाबाद में एनआरएमयू का शाखामंत्री जो कि एसएसई के पद पर तैनात थे और यूनियन के रौब में जमकर भ्रष्टाचार कर करोङों का माल हजम किये। आपसी लेन देन में आरपीएफ ने इन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार किये, और एक नेता ने बचाने के लिए पूरी ताकत लगा दिया सबसे मजे की बात तो ये है कि जब मामला मीडिया में आते है तभी कागजी खाना पूरी होती है।

इसके अलावा राजधानी के आलमबाग स्टोर में पिछले दो माह पहले डीजल चोरी में एक कार्यालय अधीक्षक को आत्महत्या करने के लिए कुछ कथित नेता एवं अधिकारियों ने मजबूर कर दिया था। सूत्रों ने बताया कि इस कांड का सूत्रधार किसी निगम नाम से चर्चित जेई को बताया जाता है।

परन्तु जेई साहब एक शाखामंत्री का रिश्तेदार होने के कारण मृतक को फंसाया गया जबकि यही निगम विगत वर्ष एक इंजन में करोङों की मशीन को तोङ चुका है चूंकि ये यूनियन का खास है। इस लिए कुछ दिन निलंबन के बाद डियूटी दे दी गयी। और ईनाम स्वरुप अच्छी कमाई वाली सीट पर बैठाया गया।

सूत्रों का कहना है कि अगर यूनियनों के दो नेता की जांच हो जाये तो करोङों का मामला सामने आ जायेगा। एक नेता जी का तो बकायदा विकास नगर में आलीशान दूकानें एवं सीतापुर रोड पर फार्म बताया जा रहा है। आइए बताते चलें कि असली भ्रष्टाचारी जो खुलेआम नंगा नाच कर रहा हैं और सीबीआई से लेकर विजिलेंस तक चुप्पी साध रखी है।

मंडल आफिस में मैकेनिकल विभाग ओएंड एफ है जहां वर्षो से कभी भी ट्रेन नहीं चलायी और सीएलआई बन गये। टेंडर प्रक्रिया में शामिल होकर करोङों का माल बटोर लिये। ऐसी दशा में कहीं न कहीं जांच ऐजेंशियों की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है।

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