NR मंडल के भ्रष्टाचारियों पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित हो रहा है रेलवे बोर्ड और मंत्रालय

लखनऊ। उत्तर रेलवे मंडल आफिस में कार्मिक विभाग एवं लेखा विभाग के आगे रेलवेबोर्ड के नियम कानून नाकाम ,रेलमंत्री के भ्रष्टाचार जीरो टारलेंस का मखौल उड़ाया जा रहा है।
केस -1
आशुतोष यादव वरिष्ठ लिपिक कार्मिक विभाग जो लिखित शिकायत अधिकारियों को करते हैरान हो चुका है लेकिन संबंधित एस एस ओ पुनीत शुक्ला टीए लगाने से इंकार कर दिया जबकि आशुतोष यादव कंपकंपाती ठंड में प्रयागराज कुंभ मेले में डियूटी कर चुका है बताया कि हमें खुलेआम पुनीत शुक्ला ने धमकाया कि नहीं लगाऊंगा टीए जाओ करो शिकायत अधिकारियों के पास?
केस -2
उत्तर रेलवे लखनऊ के भीष्म पितामह कहे जाने वाले एक तत्कालीन सीओएस जो पिछले दिसंबर माह में रिटायर हो चुके हैं ने मनीराम पूर्व मुख्य कार्यालय अधीक्षक एसएसई लोको अयोध्या कैंट की सेवा पुस्तिका तत्कालीन सीओएस द्धारा इस लिए गायब कर दिया गया कि तथाकथित सीओएस मनीराम के ऊपर डीएंड एआर दंड एसएफ- 5 था एवं उस नटवर लाल की रिटायरमेंट में अड़चन आती इस लिए उक्त तत्कालीन सीओएस कार्मिक लखनऊ द्धारा सर्विस रिकॉर्ड गायब कर दिया गया।
केस – 3
मंडल के एक चर्चित यूनियन के नेता जी जो एस एस ई पीवे लखनऊ में तैनात हैं एमएसीपी का गलत लाभ ले लिया है जिसको संबंधित सीओएस कार्मिक विभाग उरे लखनऊ द्वारा दिया गया है जिसकी कटौती सुनिश्चित हो गयी है उक्त एस एस ई पीवे लखनऊ की सेवा पुस्तिका गायब कर दी गयी है ।सूत्रों के अनुसार जबकि सेवा पुस्तिका के रखरखाव के लिए लाखों रुपये पर मुख्य कार्यालय अधीक्षक एवं बाबू रखे गये हैं जो लाखों रुपया प्रति माह रेलवे से आहरण कर रहे हैं लखनऊ मंडल आफिस में आम बात हो गयी है जबकि इस संबंध में तत्कालीन सीओएस एवं वर्तमान संबंधित सीओएस डीलिंग क्लर्क की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए?
केस- 4
लखनऊ मंडल में कर्मचारी नाराज हुए या धन मांगा गया ।अगर वह नहीं दिया तो उसकी सेवा पुस्तिका गायब कर दी जायेगी और परेशान किया जाता है अथवा कर्मचारी से मिलकर सेवा पुस्तिका गायब कर दी जाती है इस तरह के मामले में जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
केस- 5
रेलवे के अधिकृत सूत्र के अनुसार कार्मिक विभाग में एक ऐसा सीओएस तैनात है जिसके पास पूरे मंडल के इंजीनियरिंग सीओएस स्थापनाअनुभाग का चार्ज है ? सूत्रों की मानें तो उसके बावजूद एस.ई इंजीनियरिंग के साथ दो सीटों के डीलर भी है क्योंकि इनका कभी भी रोटेशन नहीं होता चूंकि ये नेताओं के चहेता है। इसके साथ ही एक और सनसनीखेज खेल रिटायमेंट के दौरान कर्मचारियों की एलएपी एवं एलएचपी अवकाश में भी खूब भ्रष्टाचार है जिस कर्मचारी के रिटायर्ड मेंट के समय छुट्टी नहीं है तो बस संबंधित बाबू से मिलिए फिर आधे आधे पर सौदा तय हो जाता है। सूत्रों ने बताया कि अभी तक कर्मचारियों की पूरी छुट्टी कंप्यूटर में नहीं चढायी गयी है ओ। ये तो एक छोटा उदाहरण है इसके पहले भी दर्जनों खेल हुए है जो कागजों में ही दफन हो चुका है।