Ayodhya

NR मण्डलः नवागत रेल प्रबंधक के लिए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्यवाही आसान नहीं

लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में दिनों दिन भ्रष्टाचार एवं भ्रष्टाचारियों की संख्या बढ़ती जा रही है तथा सरकार के मंशारूप जीरो भ्रष्टाचार टारलेंस की जो मंसूबा सरकार कार्यान्वित करने की योजना बनाई थी सब हवा हवाई में फेल हो गए और आये दिन भ्रष्टाचारियों के ये काले कारनामें देखने को मिल रहा है फिर भी मंडल में इसका कोई पुरुषाहाल नहीं है जिसका उदाहरणार्थ कुछ तथ्य सामने प्रस्तुत किये गये हैं।
केस-1
विगत पिछले तीन हफ्तों पहले पीरियडकली तबादला की एक लिस्ट जारी हुई रेलवे बोर्ड के निर्देश पर वाणिज्य विभाग में जिसको मनमानी ढंग से रोकवाने के लिए धरना प्रदर्शन हुआ जिसमें कुछ तथाकथित मनबढ कर्मचारियों ने अमर्यादित शब्दों का प्रयोग किया जब वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक ने नियमानुसार ट्रांसफर करके संबंधित कर्मचारी जिसका तबादला हुआ है, कर्मचारियों की एलपीसी उनके नये स्थान पर भेजवा दी तो ये कर्मचारी अवैध ढंग से मंडल के अस्पतालों में सिक कर दिया?
केस-2
रेलवे के एक अधिकृत सूत्र के अनुसार रेलवेबोर्ड से एक लेटर जारी हुआ है जिसमें स्पष्ट रूप से इन अनुपस्थित कर्मचारियों का वेतन लगाने के लिए निर्देशित किया गया है पत्र संख्या-750 जब एलपीसी संबंधित कर्मचारी के नये मूल स्थान पर भेज दी गई तब पुराने नियुक्ति वाले स्थान पर वेतन लगाने का का कोई औचित्य ही नहीं है?
केस-3
सूत्रों की मानें तो जौनपुर रेलवे स्टेशन पर जमा एक दशक से अधिक एसएसई (वर्क्स) कई बार तबादला हुआ और दर्जनों शिकायत होने के बावजूद बाल बांका नहीं हुआ उक्त एसएसई (वर्क्स) का?
केस-4
सुल्तानपुर रेलवे स्टेशन पर दबंग मुख्य आरक्षण सुपरवाइजर शैलेन्द्र मिश्रा का जलवा देखने लायक है जो खुलेआम आडियो एवं वीडियो हुआ वायरल आडियो में तथाकथित दलाल के कहने पर एक हजार रुपए में लगा रहा मनमाफिक कर्मचारी की डियूटी?
केस-5
सबसे ज्यादा स्थिति लखनऊ मंडल में अस्पतालों की है जो बदहाली के कगार पर है कार्यरत कर्मचारियों एवं रिटायर्ड कर्मचारियों को दवा के लिए बराबर दौड़ लगानी पड़ रही है लेकिन महत्वपूर्ण दवाएं गायब हैं अस्पतालों से , मजबूरी में दवाएं बाहर से लानी पड़ रही है सूत्रों की मानें तो रेलवे अस्पतालों से भारी कमीशन खोरी होती है ऐसी कंपनी की दवाएं आती हैं जिन पर एमआरपी उदाहरण स्वरूप 325 रुपये तक होती है वही दवा अगर बाहर बाजार से ली जाये तो संभवतः सौ रुपये के अन्दर ही मिल जाए। रिटायर रेलवे कर्मचारी ने बताया कि रेलवे अस्पतालों में 30 प्रतिशत की छूट पर वे दवाएं आती है जिन पर अस्पताल का महकमा कंपनियों से कमीशनखोरी में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं। राम कुमार अवस्थी (काल्पनिक नाम) रिटायर रेलवे कर्मचारी लखनऊ ने बताया कि अगर सरकार रेलवे अस्पतालों में औषधि केंद्रों को बंद करके जो सरकार द्बारा जन औषधि केन्द्र खुलवाये गये हैं वहां से सम्पर्क करके ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि, कर्मचारियों रिटायर कर्मचारियों को उम्मीद कार्ड रेलवे चिकित्सक अथवा हास्पिटल से दवाएं उपलब्ध हो जाये।
केस-6
लखनऊ मंडल में रेलवे बोर्ड के सर्कुलर का अधिकारियों ने उड़ाया माखौल
तीन वर्ष से अधिक कोई भी सुपरवाइजर स्तर का कर्मचारी एक सीट पर कार्य नहीं करेगा परिचालन विभाग में मंडल आफिस में टीआई से लेकर डब्ल्यूएमआई एवं स्टेशन अधीक्षक तक पांच वर्षों से अधिक एक स्थान पर जमे हुए हैं वरिष्ठ मंडल परिचालन अधिकारी चला रहे अपनी मनमानी?
केस-7
मंडल के लेखा विभाग में महीनों से धूल चाट रही कर्मचारियों की भत्तों की फाईल कोई पुरुषाहाल नहीं बेलगाम कर्मचारी, प्रशान्त मणि पांडेय लोको पायलट प्रतापगढ बने नजीर जिनका बीते कई वर्षों से लगा रहे चक्कर क्या नवागत मंडल रेल प्रबंधक कस पायेंगे शिकंजा कौतूहल का विषय?

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