NR मंडल : वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी के तबादले को लेकर चर्चा का बाजार गर्म

मामला वाणिज्य विभाग में दशकों से जमे कर्मचारियों के तबादला व एक महिला के जुड़े अवैध वेतन भुगतान का
लखनऊ। उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल में वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी अमित पांडेय जिन्होंने करोड़ों रुपया रेलवे का घोटाला करने वालों को किया बेनकाब अब उसी अधिकारी के तबादला के लिए संबंधित यूनियन के तथाकथित आधा दर्जन नेता बड़ौदा हाऊस नई दिल्ली एंव रेलवेबोर्ड में दस्तकत किया। सूत्रों से जो जानकारी मिली है वह काफी रोचक पूर्ण बतायी जा रही है और सरकार के भ्रष्टाचार के जीरो टारलेंस की हवा निकल चुकी है सबसे पहले तो वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी से ये नेता आखिर नाराज क्यों हैं और तबादला के लिए एक सजातीय अधिकारी को क्यों मोहरा बनाया, एक चर्चित महिला जो मंडल आफिस हज़रतगंज में सीओएस के पद पर दशकों से तैनात है तथा वह भर्ती सेल में ही विराजमान है और कभी भी डियूटी नहीं करती बताया तो यहां तक जाता है कि उसका हस्ताक्षर भी दूसरा कोई करता है जो जांच का विषय है, तथा विकलांग बतायी जाती है एवं एक चर्चित यूनियन के नेता की लड़की हैं लगभग दो दशकों से घर पर बैठकर वेतन ले रही थी जबकि तमाम विकलांग लड़कियों एवं लडके मंडल आफिस में बराबर डियूटी कर रहे हैं।चर्चा तो यहां तक है कि उसके हाजिरी रजिस्टर पर जो साईन हुई है वह भी संबंधित बाबुओं द्धारा किया जाता रहा यानी रेलवेबोर्ड द्धारा अगर इनकी वर्किंग रिपोर्ट और आनलाईन एचआरएमएस पर कितना कार्य किया है और इनकी हाजिरी रजिस्टर की वास्तविक जांच कराया जाये तो कई लाखरुपयों के घोटाला के साथ साथ जालसाजी का भी मामला उजागर हो जायेगा।ज्ञात हो कि विगत लगभग तीन चार वर्ष पहले इस चर्चित महिला की खबर भी चली थी तो वह अवकाश लेकर एक वर्ष तक चली गयी थी लेकिन ये अवकाश भी संदेह के घेरे में है इसके जब काले कारनामों की कहानी वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी के पास पहुंची तो उन्होंने उक्त रजिस्टर को अपने आफिस में मंगाना शुरू कर दिया जिससे नेता जी काले कारनामों को छिपाने केलिए सीडीपीओ का तबादला करवाने के लिए प्रिंसिपल मुख्य कार्मिक अधिकारी बड़ौदा हाऊस नई दिल्ली के चरणों में पहुंच गये।सबसे मजे की बात तो ये है कि मंडल में जबभी कोई भ्रष्टाचार होता या घोटाला होता है तो उसमें ये दोनों नेता अवश्य रुप से अग्रणी भूमिका निभाते हैं पिछले वर्ष दो वर्ष पहले आलमबाग डीज़ल चोरी में भी ये नेता दोषियों को बचाने में पूरी ताकत लगा दिया था। नेताजी के एक ऐसा चेला है जो चतुर्थ श्रेणी से तृतीय श्रेणी में आया लेकिन फ्राड करके मेडिकल अनफिट में कागजात संदिग्ध पाये गये जो समय आने पर उजागर किया जायेगा।
केस – 1
तबादला का एक और कारण विगत लगभग दशकों से एक एक सीट पर विराजमान कर्मचारियों का तबादला खासकर वाणिज्य विभाग भी नेताजी के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया जबकि ये कर्मचारी दशकों से लूट खसोट में लिप्त थे तथा रेलवे बोर्ड का पुराना नियम है कि कोई भी सुपरवाइजर अपनी सीट पर चार वर्ष से अधिक नहीं रहेगा।
केस – 2
एक सम्मानित कर्मचारियों के मसीहा मंडल के एक वरिष्ठ नेता अवैध ढंग से एमएसीपी के तहत पदोन्नति लेकर लाखों रुपया रेलवे से ले चुके हैं बताया जाता है कि आडिट विभाग में भी इनकी फाईल पड़ी है आडिट के लिए,और रिकवरी के लिए वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी ने एक पत्र भी संबंधित अधिकारी को दे चुके हैं जिससे नेता जी की प्रतिष्ठा दांव पर लग गयी है। यूनियन का एक नेता ने बताया की नेताजी प्रण कर चुके हैं कि जब तक सीडीपीओ का तबादला नहीं करवा दूंगा तब तक चैन से नहीं बैठूंगा।
केस- 3
लखनऊ मंडल में विगत कई वर्षों से हित निरीक्षक की विभागीय परीक्षा इस लिए रुक गयी है कि परीक्षा निष्पक्ष रूप से नहीं हो पा रही है वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी ने परीक्षा को निरस्त कर रखा है जिससे नेताजी के चहेतों की उम्मीदों पर पानी फिर गया।
केस -4
प्रतापगढ स्टेशन पर तैनात लोको पायलट प्रशांत पांडेय को अभी छठवें वेतन आयोग का एरियर नहीं मिल सका है जो दिन रात ट्रेन चलाते हैं दौड़ते दौड़ते थक चुके हैं।इसके साथ ही साथ मंडल आफिस में लेखा विभाग के वरिष्ठ वित्त प्रबंधक एवं एसएसओ काफी चर्चित बताये जाते हैं चूंकि कर्मचारियों का टीए आदि इन्हीं के यहां से पास होता है समय से टीए नहीं लगाते । सूत्रों ने बताया कि लेखा विभाग का जो चर्चित एसएसओ है करोड़ों रुपया की आलीशान मकान आदि बनाया हुआ है जल्द ही उसका सबूत सहित चलेगी खबर?
केस – 5
कार्मिक विभाग में एक ओएस हैं भर्ती सेल में इंचार्ज ,सूत्रों की मानें तो जब ग्रुप डी एंव सी की भर्ती चल रही थी तो नियुक्ति पत्र देता था थो एक यूनियन का शाखा अध्यक्ष भी है पांच सौ रुपये का चंदा सदस्यता जबरदस्ती काटता देता था जबकि उन बच्चों का वेतन भी नहीं मिला था जो कि नियमानुसार बहुत ही गलत है मामला मुख्यालय भी गया था शिकायत हुई मंडल रेल प्रबंधक तक चुप्पी साध लिया ? सूत्रों के अनुसार बहरहाल नेताजी अपने चेलों को लेकर रेलवे बोर्ड में धरना दे रहे हैं तबादला के लिए ये वही नेता है जिसके आफिस पर सीबीआई जा चुकी है इसके अलावा नेता जी के भाई भतीजा कभी भी डियूटी नहीं करते खाना पूर्ति करके वेतन ले रहे हैं और कुछ तो रिटायर हो गये हैं। रेलवे के एक गोपनीय सूत्र ने बताया कि नेताजी के दामाद भी सक्रिय हैं अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने में क्यों कि उनको मंडल का महत्वपूर्ण पद मिलने वाला है।बहरहाल जबसे वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी अमित पांडेय जी लखनऊ मंडल में आये हैं तभी से भ्रष्टाचारियों में हड़कंप देखा जा रहा है और नेताजी की बिटिया का वेतन हराम का नहीं मिल पा रहा है। आखिर क्या भाजपा सरकार में ये नेताजी ऐसे ईमानदार तेज़ तर्रार अधिकारी का तबादला करवा देंगे जिसको लेकर पूरे मंडल में चर्चा जोरों पर चल रही है और प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री जी को संज्ञान में लेकर इसकी किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाने की मांग रेल कर्मचारी कर रहे हैं। जिन्हें अभी तक छठवें वेतन आयोग का एरियर नहीं मिल सका है लगभग दस वर्ष हो चुके हैं दौड़ते दौड़ते थक चुके हैं।