NR मंडल दफ्तर पर धरना प्रदर्शन में आया नया मोड़, अमर्यादित भाषा बोलने वालों को पड़ा महंगा

लखनऊ। उत्तर रेलवे हजरतगंज आफिस में धरना प्रदर्शन कर्मचारियों द्वारा थमने का नाम नहीं ले रहा रेल कर्मचारियों में मचा हड़कंप,अधिकारियों तथा तथाकथित यूनियन के बीच जंग छिड़ी हुई है लेकिन अभी तक रेलवे प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान लगभग आधा दर्जन से अधिक दोषी रेलवे कर्मचारी अनधिकृत ढंग से अवकाश लेकर गायब। सूत्रों के हवाले से सनसनीखेज खबर यूनियनों के कुछ तथाकथित नेताओं द्वारा विगत दिनों जो अभद्रता की गयी है अब आफिस का अटेंडेंस रजिस्टर बदलवाने की चर्चा जोरों पर चल रही है लेकिन अभी तक रेलवे प्रशासन ने कैमरे की फुटेज तक निकलवाने की जहमत नहीं उठाई क्यों ये भी जांच का विषय है।मिली जानकारी के अनुसार पिछले हफ्ते वाणिज्य विभाग के दर्जनों कर्मचारियों ने खुलेआम अधिकारियों के खिलाफ अमर्यादित अपशब्दों का प्रयोग किया जो कैमरे की फुटेज में कैद हो गयी तथा उसको भी गायब करवाने का कुचक्र प्रयास चल रहा है आईए बताते चलें कि इस सबके पीछे एक नेताजी हैं जो गत कई वर्षों पूर्व एससीएसटी के लिए निर्धारित पद पर खुद अवैध ढंग से पदोन्नति ले रखी है और कभी भी उक्त पद के लिए प्रशिक्षण नहीं लिया जैसा कि विभागीय सूत्रों से पता चला है इसके बाद जब वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी ने जांच शुरू करायी तो उक्त नेता जी कोर्ट में पहुंच गये और अपनी सेवा पुस्तिका ही गायब करवा दिया ये वही नेता है जो विगत दो तीन वर्षों पहले आलमबाग डीजल चोरी कांड में अभियुक्तों का पैरोकार रहा और साथ ही साथ एमएसीपी के तहत भी खेल किया है आखिर इनकी कब होगी रिकवरी, अब नेता जी अपनी नौकरी बचाने के लिए अधिकारियों के खिलाफ कर्मचारियों को बलि का बकरा बना रहे हैं इसके बाद पीरियड कली तबादला में अभी भी सब कर्मचारी स्पेयर नहीं हुए हैं जैसा कि मंडल में चर्चा जोरों पर है। रेलवे के आधा दर्जन कर्मचारियों ने बताया कि जब पिछले सप्ताह ये सब मंडल आफिस में धरना प्रदर्शन कर रहे थे तो इनकी डियूटी कहां थी चारबाग के परिचालन विभाग का एक जिम्मेदार कर्मचारी एवं वाणिज्य तथा इंजीनियरिंग विभाग के लगभग एक दर्जन कर्मचारियों की फौज जिनकी डियूटी चारबाग में थी और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं मंडल आफिस में लेकिन मंडल रेल प्रबन्धक खुद चुप्पी साध रखी है क्यों। सूत्रों के अनुसार कुछ कर्मचारी तो अस्पताल में सिक करने के लिए दौड़ रहे हैं और कुछ आकस्मिक अवकाश लेकर गायब हो गए हैं क्या इससे ये बच जायेंगे। आखिर कब होगी जांच और इनके खिलाफ कठोर कार्रवाई।बताया जाता है कि जब ये सब धरना प्रदर्शन में अपने को फंसते देखा तो तुरंत रजिस्टर में आकस्मिक अवकाश लगा दिया गया। कार्मिक विभाग एवं लेखा विभाग के दर्जनों कर्मचारियों की फौज जांच होने पर फंसते नजर आ रहे हैं सबसे मजे की बात तो ये है कि इस धरना प्रदर्शन में वही कर्मचारी शामिल है जिन पर अनुशासनात्मक कार्रवाई रेलवे प्रशासन कर चुका है चाहे आरोप पत्र दिया हो या विजिलेंस केस आदि। चारबाग के एक और यूनियन के दर्जनों कर्मचारियों ने बताया कि नेताजी की फाईल गायब करवाया गया तो संबंधित बाबू ओएस के खिलाफ अभी तक प्रशासन ने क्या कार्रवाई किया जांच का विषय है। जबकि कोई भी कर्मचारी बिना परमिशन या अवकाश के धरना प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सकता आलमबाग डीजलशेड के दर्जनों ऐसे कर्मचारी हैं जिनमें एक चर्चित नेता का भाई है कभी भी डियूटी नहीं करता लेकिन अधिकारी आंखें बंद किये हुए हैं इस समय जो पूरे लखनऊ मंडल में अधिकारियों के खिलाफ जो धरना प्रदर्शन हुआ है कर्मचारियों में आक्रोश है और साथ ही साथ पूरे मंडल में अधिकारियों में भी आक्रोश व्याप्त है लेकिन मंडल रेल प्रबन्धक चुप्पी साध रखी है आखिर क्यों। इस धरना प्रदर्शन में आधा दर्जन ऐसे कर्मचारी हैं जो अवैध ढंग से हित निरीक्षक बनना चाहते हैं लेकिन सीडीपीओ ने उनके उम्मीदों पर पानी फेर रखा है लेखा विभाग में एक है एसएसओ ये बढ़ चढ़कर धरना प्रदर्शन में हिस्सा लेता है तथा अपने को वरिष्ठ अधिकारी का चहेता बताता है टीए बिल पर कर्मचारियों को दौड़ाता है बिना चढ़ावा के बात नहीं करता तथा ये यूनियन का डेलीगेट बताया जाता है। रेलवे प्रशासन तत्काल धरना प्रदर्शन के दिन का कैमरे का फुटेज मंगाये और दोषियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही में तत्काल बर्खास्त करे।सबसे मजे की बात तो ये है भाजपा सरकार की काफी बदनामी हो रही है और रेल मंत्री जी का जीरो टालरेंस भ्रष्टाचार कागजों से गायब हो चुका है।अगर यही रवैया रहा तो कोई भी अधिकारी लखनऊ मंडल में तैनाती नहीं लेगा इसके अलावा इंजीनियरिंग से लेकर कार्मिक विभाग लेखा विभाग में जितने भी भ्रष्टाचार में लिप्त हैं सब किसी न किसी यूनियन से जुड़े हुए हैं। बहरहाल कुछ भी हो मंडल के सबसे ईमानदार अधिकारियों की श्रेणी में वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी अमित पांडेय हीरो के रूप में आ चुके हैं और यही स्थिति वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कुलदीप तिवारी भी हैं जो मीडिया से लेकर कर्मचारियों में चर्चा बने हुए हैं। क्या मंडल रेल प्रबंधक की जबाव देही नहीं है कि इनके अधीन रहने वाले अधिकारी कब तक गाली खाते रहेंगे ।