NR मंडल में घोटालों का अंबार, आए दिन आ रहे मामले फिर भी नहीं हो पा रही निष्पक्ष जांच

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आलमबाग में डीजल चोरी, हित निरीक्षक सहित ग्रुप- सी की विभागीय परीक्षा में आ चुका है बड़े पैमाने पर घोटाले का मामला
लखनऊ | आखिर जो नहीं होना चाहिए था वह हो रहा है भाजपा के शासन में खुलेआम लखनऊ मंडल में ओबीसी एवं एसएसी कर्मचारियों को शोषण जबरदस्ती सामन्तवादियों द्धारा किया जा रहा है और पूरे मंडल के कर्मचारी हायतौबा कर रहे हैं | दबंग माफिया कर्मचारी हैं, मीडिया तक को धमका कर मुंह बंद करवा रखा है।
ज्ञात हो कि पिछले वर्षआलमबाग डीजल शेड में करोङों के डीजल चोरी का पर्दाफ़ाश सबसे तेज तर्रार निरीक्षक सीआईबी लखनऊ जसवंत सिंह ने किया था जिसमें मंडल रेल प्रबंधक तक चपेट में आ चुके थे | मजे की बात तो ये है कि इस चोरी कांड में एक चर्चित यूनियन के आधा दर्जन पदाधिकारी गिरफ्तार हुए, फिर जेल से छूटने के बाद रेलवे बोर्ड ने बर्खास्त कर दिया |
जबकि उक्त नेता एवं मंडल रेल प्रबंधक ने पूरी तरह से बचाने के लिए सक्रिय रहे। इसके बाद जेई की परीक्षा हुई खुलेआम धांधली हुई, हो हल्ला के बाद निरस्त हुई | इसके बाद हित निरीक्षक की भी परीक्षा में नेताजी वसूली से बाज नहीं आये | मीडिया में खबर आने के पश्चात यह भी निरस्त की गई।
सूत्रों के अनुसार मैकेनिकल विभाग का एक अधिकारी जो माफिया से कम नहीं है ,धङल्ले से कहता है कि कमीशन दो तभी ठेकेदारों के बिल पर हस्ताक्षर करेंगे जिसके कारण 14 जून को एक ठेकेदार ने चार घंटे के लिए कार्य भी ठप्प कर दिया था लेकिन मामला टांय -टांय फिस हो गया। एक दो नहीं सभी ठेकों में जम कर कमीशन बाजी का खेल चल रहा है |
ताजा मामला उस ठेकेदार से है जिसे छोटी लाइन इत्यादि कई मंडलों में बेईमानी और चोरी के चलते भगा दिया गया है लेकिन यहां के मैकेनिक विभाग के एक मुख्य लोको निरीक्षक जो की दशकों से इसी कार्य में लिप्त है को भी अपने जाल में फंसा लिया है, ने कोहरे में काम करने वाली मशीन की मरम्मत करवाया जो कि हुई ही नहीं , भुगतान हो गया है |
ऐसे ही विगत चार साल से हो रहा है, कोई अधिकारी संज्ञान लेने वाला नहीं है | क्योंकि यहां से लेकर विजिलेंस तक कमिशन पहुंच रहा है |यह इतना दबंग है रेलवे बोर्ड के निर्देश के बावजूद पूरा चार्ज तक नहीं दिया। आधा दर्जन ओबीसी एवं सामान्य वर्ग के रेल कर्मियों ने बताया कि पिछले हफ्ते ग्रुप -डी से ग्रुप सी के लिए परीक्षा संपन्न हुई जिसमें एक चर्चित महिला जो अधिकारी की चहेता है, खुलेआम कार्मिक विभाग के अधिकारियों ने कंप्यूटर परीक्षा में नकल कराई।
एक नेता दो -दो लाख लेकर दर्जनों अयोग्य कर्मियों को पास करवाया जबकि किसी भी कर्मचारी को कंप्यूटर का ज्ञान नहीं है। मजे की बात तो यह है कि जहां परीक्षा कराई गई वहां सीसीटीवी कैमरा बंद करवाए जाने की चर्चा है | अब हित निरीक्षक बनो 4 लाख रुपये दो इसकी चर्चा जोरों पर चल रही है |