Ayodhya

NR मंडल : पीरियडकली तबादला की आड़ में कथित नेताओं का धरना प्रदर्शन जारी, उपस्थित पंजिका से जुड़े एक नेता के परिवार द्वारा सालों से बगैर ड्यूटी ले रहे वेतन का मामला

 

लखनऊ। उत्तर रेलवे मंडल में भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कसते ही अधिकारियों के खिलाफ कुछ तथाकथित यूनियन के नेताओं ने लगाया मुर्दाबाद का नारा किया धरना प्रदर्शन। मिली जानकारी के अनुसार वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक एवं वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी दोनों अधिकारियों की जुगलजोड़ी ने भ्रष्टाचारियों के आंखों में नींद हराम कर रखी है जिससे अब छटपटाहत लाजिमी हैए रेलवे के एक अधिकारी स्तर का सूत्र ने बताया कि विगत कई वर्षों से मंडल आफिस में एक चर्चित यूनियन के नेताजी की बिटिया दामाद मनमानी ढंग से बिना किसी नियम कानून के वेतन ले रहे हैं बताया जाता है कि इसके पहले जितने भी सीडीपीओ मंडल में आये सबसे चर्चित सीडीपीओ मुकेश बहादुर सिंह रहा इसके कार्यकाल में हाजिरी रजिस्टर नेता के पारिवारिक सदस्यों के घर जाता था और वहां उक्त महिला एवं अन्य सदस्य हस्ताक्षर करते थे। सूत्रों के अनुसार एक चर्चित सीपीआई कई वर्षों से गोपनीय विभाग में तैनाती दिखाकर फिरी में वेतन दिला चुका है और जब सीडीपीओ अमित पांडेय ने लखनऊ मंडल में आये और लगाम कसा तथा हाजिरी रजिस्टर खुद अपने आफिस में मंगाना शुरू किया तो ये सब तिलमिला उठे और खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे वाली कहावत चरितार्थ कर डाली धरना प्रदर्शन शुरू किया इसके पीछे मुख्य रूप से हित निरीक्षक की विभागीय परीक्षा भी कहीं न कहीं शामिल है चूंकि मीडिया में खबर चलने पर उक्त परीक्षा को तेज तर्रार सीडीपीओ अमित पांडेय जी ने निरस्त कर दिया जबकि हित निरीक्षक परीक्षा में कुछ तथाकथित नेता सौदेबाजी कर चुके थे अपुष्ट खबर के अनुसार पांच लाख रुपए प्रति कंडीडेट। इसके बाद आईए पीरियडकली तबादला एक्सप्रेस पर। रेलवे बोर्ड ने एक पालिसी बना रखी है की कोई भी सुपरवाइजर स्तर का कर्मचारी या जो सेंसटिव पद पर हैं वो एक स्थान पर तीन चार वर्ष से अधिक नहीं रहेगा जिसका अनुपालन वाणिज्य विभाग में सीण्डीसीएम कुलदीप तिवारी ने सख्ती के साथ किया तो उनके खिलाफ भी ये भ्रष्टाचारियों की फौज धरना प्रदर्शन करने उतर आई जबकि इसी यूनियन का एक नेता खुद फंसा हुआ है फर्जी इंक्रीमेंट में और पहुंच गया कोर्ट में। सबसे मजे की बात तो ये है कि पूरे मंडल में विगत दशकों से एक एक सीट पर ये दर्जनों कर्मचारी माल काट रहे हैं जिस कारण से ये तथाकथित कर्मचारियों की फौज अपनी नाकामी छिपाने के लिए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया सबसे मजे की बात तो ये है कि इन दोनों अधिकारियों ने तथाकथित दलाली पर रोंक लगा रखी है और किसी भी नाजायज कार्य को करने से मना कर देते हैं बताया जाता है कि यही नेता तत्कालीन मंडल रेल प्रबन्धक से दबाव बनवाकर कई कार्य करवाने का प्रयास भी सीडीपीओ से कर चुका है गजब का है नेता एवं इसके चेले एक चेला तो ऐसा है कि खुद मेडिकल डिकैटेराईज में संदेह के घेरे में आ चुका है और उसका सारा काला कारनामा मीडिया के पास आ चुका है। रेलवे के अधिकृत सूत्र ने दावा किया कि सीण्डीपीओ अमित पांडेय एवं सीण्डीसीएम झुकने वाले प्रतीत नहीं हो रहे हैं और साथ ही साथ इन तथाकथित नेताओं के रडार पर सीण्डीएनसी भी आ चुके हैं लेकिन एक साथ तीन तीन अधिकारियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन यह साबित कर चुका है कि लखनऊ मंडल में भ्रष्टाचार हावी है कई रेलवे कर्मचारियों ने रेलवे प्रशासन से आग्रह किया कि इन लोगों की पांच पांच वर्षों की वर्किंग रिपोर्ट मंगाये जिसमें दर्जनों पर विजिलेंस केस एवं अन्य भ्रष्टाचार के संगीन आरोप लग चुके हैं।

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