35 दिन बीत जाने के बाद भी नहीं खुल सका 9 करोड़ का टेंडर

अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए किया जा रहा है खेल
टांडा,अम्बेडकरनगर। नगर पालिका परिषद टांडा में पालिकाध्यक्ष और ठेकेदारों मिली भगत से 9 करोड़ रुपए टेंडर में खेल करने की योजना बना रही है नगर की चाय पान की दुकानों पर चर्चा है कि पालिकाध्यक्ष के अपने चहेते ठेकेदारों को मैनेज कर काम देना चाहती थी लेकिन कुछ कार्यों पर कई फर्मों ने टेंडर डाल दिया है जिसकी वजह से सभी 95 कार्यों को निरस्त करने की चर्चा नगर के चाय पान की दुकानों पर हो रही है। नगर पालिका परिषद टांडा में भ्रष्टाचार कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है नगर पालिका टांडा में जहां भ्रष्टाचार का एक अध्याय खत्म होता है तो वहीं दूसरा अध्याय शुरू हो जाता है अभी टैक्सी स्टैण्ड में घोटाले का मामला थमा ही नहीं था कि अब विगत 2 मई को आमंत्रित लगभग 9 करोड़ रुपए के 95 कार्यों में खेल करने का मामला तूल पकड़ने लगा है नगर की चाय पान की दुकानों पर चर्चा है कि नगर पालिका अध्यक्ष अपने कई चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर आमंत्रित करने से पहले ही टेंडर को मैनेज कर अपने चहेते ठेकेदारों को लाभ देना चाहती थी और उसपर वह कामयाब भी थी यही कारण है कि पूरे 95 कार्यों पर ज्यादातर जो ठेकेदार मैनेज थे उन्होंने केवल 2 से 5 प्रतिशत ही ब्लो टेंडर डाला लेकिन वहीं कुछ बाहरी ठेकेदारों ने पालिकाध्यक्ष की मंशा पर पानी फेरते हुए कई कार्यों पर अपनी निविदा डाल दी और बीते कुछ दिन पहले जब फाइनेंशियल टेंडर खुला और ठेकेदारों पर इसका मैसेज गया तो पता चला कि कई और बाहरी ठेकेदारों ने टेंडर डाल दिया है जिसकी वजह से पालिकाध्यक्ष की मंशा पर पानी फिर गया और आनन फानन में पालिकाध्यक्ष ने टेंडर को कैंसल करने का जुगाड़ लगाने लगी है चर्चा है कि टेंडर फीस को आधार बनाकर टेंडर को कैंसल कराने का प्लान बना रही है जबकि ज्यादातर ठेकेदारों का कहना है कि जिन ठेकेदारों ने सही फीस नहीं जमा की है उनका टेंडर कैंसिल कर दिया जाए बाकि लोगों का टेंडर एक्सेप्ट कर उनको कार्यादेश जारी किया जाये जबकि फाइनेंशियल टेंडर खुल गया है तो अब टेंडर कैंसिल कैसे होगा यह एक गम्भीर प्रश्न है जबकि कुछ लोगों का कहना है कि पालिकाध्यक्ष टांडा नियम कानून को ताक पर रखकर कार्य करती है और उनको नियम कानून से कोई मतलब नहीं है और वह कई कार्यों को नियम विपरीत पहले भी कर चुकी है और अब फिर अपनी मनमानी करने में लगी हुई है।