1076 की शिकायत ग्राम पंचायत अधिकारी रीमा यादव के लिए बना तमाशा

-
1076 की शिकायत ग्राम पंचायत अधिकारी रीमा यादव के लिए बना तमाशा
कबूलपुर गांव में किसानों की फसल को छुट्टा जानवरों द्वारा नुकसान में झूठी रिर्पोट भेजने का मामला
इसी तरह अन्य गांवों में भी ग्राम पंचायत अधिकारी आये दिन शिकायतों में करते आ रहे हैं खेल
अम्बेडकरनगर। विकास खण्ड जलालपुर ग्राम पंचायत कबूलपुर में छुट्टा जानवरों द्वारा किसानों की फसल को बर्वाद किया जा रहा है। इन छुट्टा जानवरों से निजात पाये जाने को लेकर ग्रामीण शिकायत भी करते आ रहे हैं किन्तु झूंठी जांच रिर्पोट भेजकर मामले को निक्षेपित कर दिया जा रहा है। यहां तक की सरकार द्वारा टोल फ्री नम्बर जिस पर काल कर अवगत कराने का प्राविधान है वह भी ग्राम पंचायत अधिकारी (सचिव) के लिए तमाशा बन गया है।
ज्ञात हो कि 2017 के चुनाव में भाजपा जैसे ही पूर्ण बहुमत में आयी और सूबे के मुख्यमंत्री का पद योगी आदित्यनाथ ने संभाला उनके द्वारा दशकों से चली आ रही किसानों की छुट्टा जानवरों की समस्या से निजात दिलाने के लिए उन्होंने ठोस कदम उठाया। गोवंशों ( छुट्टा जानवरों ) का जो बध किया जा रहा था उस पर रोक लगवाया गया और इनके लिए पशु आश्रयों की व्यवस्था करायी गयी। किसानों की फसल बर्वाद कर रहे छुट्टा जानवरों को पकड़ने के लिए सम्बंधित ग्राम पंचायतों के सेक्रेटरी और प्रधानों को जिम्मेदारी सौंपी गयी किन्तु उनके द्वारा सही ढंग से दायित्व का निर्वहन नहीं किया जा रहा है। जिन गांवों में छुट्टा जानवर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं वहां के ग्रामीण जिला स्तरीय अधिकारियों और टोल फ्री नम्बर पर कॉल कर शिकायत दर्ज हो रही है लेकिन इनके द्वारा झूठी रिर्पोट का सहारा लेना आमबात हो गयी है। ऐसा ही मामला उक्त विकास खण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायत कबूलपुर का सामने आया है एक अखबार के पत्रकार ने खण्ड विकास अधिकारी को दूरभाष पर अवगत कराया और टोल फ्री नम्बर पर शिकायत भी दर्ज करायी। इस मामले में जांच ग्राम पंचायत अधिकारी (सचिव) को मिली जो सचिव रीमा यादव के लिए तमाशा बनकर रह गया। ग्राम पंचायत में बगैर छुट्टा जानवरों की जांच किये उनके द्वारा घर बैठे यह रिर्पोट प्रेषित कर दी गयी कि वहां किसी फसल का नुकसान नहीं हो रहा है,कोई छुट्टा जानवर ही नहीं हैं। वहीं इस ग्राम पंचायत के किसान राजेश प्रजापति व विजय शंकर मिश्र (लल्लू) समेत किसानों का कहना है कि यहां कभी छुट्टा जानवरों की जांच करने ग्राम पंचायत अधिकारी आयी ही नहीं। यह तो कबूलपुर का मामला है। इसी तरह आस-पास के अन्य ग्राम पंचायतों में भी छुट्टा जानवर किसानों की फसल नुकसान करते आ रहे है और वहां के ग्राम पंचायत अधिकारी व प्रधान शिकायतों को तमाशा बनाये बैठे हैं।