हॉस्पिटल की आड़ में चल रहा है फार्मेसी कॉलेज,मामला जलालपुर रोड के सद्दरपुर का

👉अपने को आप पार्टी का नेता बताने वाला संचालक कर रहा फर्जीवाड़ा
👉हॉस्पिटल मानक के अनुरूप नहीं और फार्मेसी कॉलेज भी मान्यता विहीन
👉मामला विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में आने के बाद भी नहीं हो सकी निष्पक्ष जांच
👉फार्मेसी कॉलेज की जांच करेगा संबंधित विभाग अपर सीएमओ संजय वर्मा
अम्बेडकर नगर। जिला मुख्यालय के जलालपुर रोड पर एक कथित नेता द्वारा हॉस्पिटल की आड़ में फार्मेसी कॉलेज का अवैध रूप से संचालन किया जा रहा है जिस पर स्वास्थ्य विभाग की कृपा होना बताया जा रहा है।|नजीर भी है कि मामला संज्ञान में आने के बाद भी नतीजा सिफर है। सूबे के सीएम का सख्त फरमान है कि फर्जी हॉस्पिटलों,फार्मेसी कॉलेजों व पैथोलॉजी सेंटरों की जांच करा कर कार्यवाही सुनिश्चित की जाए ताकि मरीजों के इलाज में परेशानी न हो और छात्र/अभिभावकों को ठगी का शिकार न होना पड़े.
किंतु जिले में उक्त आदेश का असर नहीं है।जिधर देखिए वही फर्जी हॉस्पिटलों और फार्मेसी कॉलेजों की बाढ़ आ गई है।इस तरह की शिकायतें और मीडिया में खबरें भी आए दिन आ रही हैं किंतु विभाग के अधिकारियों ने कान और आंख बंद किए हैं।इससे प्रतीत होता है कि फर्जीवाड़ा और ठगी करने वालों पर विभाग का संरक्षण है।
गत दिनों आरके हॉस्पिटल जलालपुर रोड सद्दरपुर का मामला समाचार पत्रों व सोशल मीडिया की सुर्खियों में रहा बावजूद अधिकारी अंजान बने हैं।सूत्रों के अनुसार हॉस्पिटल का संचालक अपने को आम आदमी पार्टी का नेता बताता है और अकबरपुर नगर से चेयरमैन बनने की फिराक में है जिसका प्रचार-प्रसार भी हो रहा है जिसके द्वारा हॉस्पिटल और फार्मेसी कॉलेज संचालित है।
बताया जाता है कि हॉस्पिटल मानक के अनुरूप नहीं है नियम को नजर अंदाज करके लाइसेंस लिया गया है।फार्मेसी कॉलेज जिससे बीफार्मा,डी फार्मा,एएनएम,जीएनएम समेत अन्य कोर्स के लिए लगभग 3 साल से प्रवेश लिया जा रहा है |फार्मेसी कॉलेज की मान्यता गैर प्रांत से होना बताया जा रहा है।
कॉलेज में अध्ययन करने वाले छात्रों की डिग्री का जब मामला आता है प्रबंधक एवं कर्मचारियों द्वारा हीला हवाली करना आम बात है।इसके बाद भी नया सत्र आने पर तरह-तरह के झांसे देकर मोटी फीस लिए जा रहे हैं।उक्त के संबंध में सीएमओ श्रीकांत शर्मा से बात करने पर उनके द्वारा अपर सीएमओ संजय को जांच सौंपने को कहा गया।
संजय वर्मा से बात करने पर उन्होंने बताया कि स्थलीय निरीक्षण किए हॉस्पिटल संचालित होना सामने आया जहां तक फार्मेसी कॉलेज की बात है यदि यूपी से मान्यता नहीं है तो पूरी तरीके से फर्जीवाड़ा है।कार्यवाही के बाबत उन्होंने संबंधित विभाग से होने को कहकर अपना पीछा छुड़ा लिया।