सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा करने वाले भू-माफिया पर बरस रही है राजस्व महकमा की कृपा

ऐसे मामलों में बेदखली की हो चुकी है कार्यवाही फिर भी अधिकारी खाली कराने में कर रहे परहेज
अंबेडकरनगर। सरकारी जमीनों पर अवैध अतिक्रमण करने वाले दबंग भूमाफियों पर राजस्व प्रशासन की जहां कृपा बरस रही है,उनके रसूख के आगे पूरा प्रशासन नतमस्तक हो गया है वहीं भूमिहीन अथवा खेती या आबादी की कम जमीन के मालिक जो कई दशकों से सरकारी जमीन पर कब्जा कर अपना घर आदि का निर्माण कर मजदूरी कर किसी तरह गुजर बसर कर रहे है उनके घर आदि को गिराकर वाहवाही लूटी जा रही है। माननीय तहसीलदार मजिस्ट्रेट अदालत ने सैकड़ों सरकारी जमीनों पर किए गए अवैध कब्जा को बेदखली का आदेश दिया है किंतु उक्त आदेश ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। ताजा मामला जलालपुर तहसील के हरिपालपुर गांव का है जहां तहसीलदार की मौजूदगी में हुई पैमाईश और ईंट लगाने के दबंग विपक्षी सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण करा रहा है।यह हाल तब है जब ग्रामीणों की शिकायत पर उपजिला मजिस्ट्रेट ने निर्माण पर रोक लगाया है। राजस्व प्रशासन के सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा को लेकर दोहरे चरित्र की चर्चा जोर पकड़ रही है किंतु आम जनमानस अपना विरोध दर्ज कराने के अलावा कर ही क्या सकता है।कुछ ही ऐसे सरकारी जमीनों के मामले प्रकाशित है जिस पर राजस्व प्रशासन पर मिली भगत का आरोप है।
केस- 1
हरिपालपुर ग्राम पंचायत के मुख्य मार्ग पर बंजर खाता की जमीन गाटा संख्या 419 है।इसी से सटा गाटा संख्या 408 सकरा दक्षिण निवासी राम तीरथ वर्मा का है।इसी सरकारी जमीन गाटा संख्या 419 में कुल चार गरीब परिवारों को पट्टा दिया गया है।अब दबंग राम तीरथ जो धन बल राजनीति में पूरी तरह सक्षम है उक्त सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा शुरू कर दिया है। ग्राम प्रधान प्रवीण यादव ने 6 जून को उपजिलाधिकारी को शिकायती पत्र देकर अवैध कब्जा को रोकने की गुहार लगाई। उपजिलाधिकारी ने सरकारी जमीन पर अवैध अतिक्रमण रोकने के लिए थानाध्यक्ष मालीपुर आरआई लेखपाल को लिखा।इसका असर यह हुआ कि दबंग भूमाफिया दो दर्जन से अधिक राजगीर मजदूर और मशीन लगाकर अपनी खतौनी की आड़ में सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण शुरू कर दिया। खास बात यह है कि इसके पूर्व तहसीलदार पदमेश श्रीवास्तव खुद मौके पर गए थे और सरकारी जमीन की पैमाईश कर ईंट लगा दिया था। प्रधान समेत अन्य का आरोप है कि दबंग विपक्षी ईंट आदि उखाड़ लिए और सरकारी जमीन पर अवैध निर्माण शुरू करा दिया। उन्होंने बताया कि इनकी खतौनी बंजर के पीछे है।इसका नक्शा सड़क पर नहीं मिलता है किंतु राजस्व प्रशासन की सह पर ऐसा किया जा रहा है।
केस- 2
तहसील के ग्राम पंचायत नेवादा कला में सरकारी जमीन गाटा संख्या 244 लगभग 12.5 बिस्वा का है।इस जमीन पर दो सगे भाई फिरतू और तिलथू को 5-5 बिस्वा जमीन कृषि के लिए पट्टा दिया गया है। दोनों अपनी अपनी जमीन पर काबिज है।लगभग चार पांच वर्ष पहले गांव निवासी दोनों पैरों से दिव्यांग इजहारुद्दीन को तत्कालीन उपजिलाधिकारी ने तहसीलदार योगेन्द्र यादव की संतुति पर एक बिस्वा आवासीय पट्टा दिया था। तत्समय जमीन पर उक्त दोनों भाइयों का सम्पूर्ण जमीन पर कब्जा था। तहसीलदार के नेतृत्व में पहुंची राजस्व टीम ने दोनों भाइयों की हिस्से की जमीन अलग कर दिया था और शेष बची 2.5 बिस्वा जमीन में से एक बिस्वा जमीन दिव्यांग इजहारुद्दीन को दे दी। शेष बची जमीन अभी दो सप्ताह तक खाली था अब हल्का लेखपाल इसी सरकारी जमीन को बेंच दिया और विपक्षी पहले हैंडपम लगाया और अब भवन निर्माण कर रहा है।अब बहाना देखिए लेखपाल कह रहे हैं कि इसका नक्शा ही छोटा है।जो तहसील अधिकारियों को बहलाने के लिए काफी है।उक्त दोनों मामले एक नजीर है ऐसे ही दर्जनों मामले हैं जिस पर अधिकारियों ने अवैध कब्जा की मौन स्वीकृत देकर खुली छूट दे रखी है।