विखं जलालपुर निरीक्षण के दौरान सीडीओ का आदेश बे-असर, सार्वजनिक शौचालय जस का तस

अंबेडकरनगर। मुख्य विकास अधिकारी के आदेश पर जलालपुर ब्लॉक का अपूर्ण सार्वजनिक शौचालय विभाग को आईना दिखाने के काफी है। जब मुख्य विकास अधिकारी के आदेश का अनुपालन नहीं किया जा रहा है तो अन्य विकास कार्य कैसे होते होगे आसानी से समझा जा सकता है। विदित हो कि लगभग तीन माह पहले मुख्य विकास अधिकारी आनंद शुक्ल ने जलालपुर ब्लॉक का औचक निरीक्षण किया था। तत्समय यहां पहुंच रहे लोगो के लिए शौचालय की व्यवस्था नहीं देख नाराज हुए। उन्होंने एक माह के अंदर शौचालय निर्माण का आदेश दिया था। जिसके क्रम में विभागीय जिम्मेदारों ने मॉडल प्रधानमंत्री आवास के पीछे क्षेत्र पंचायत निधि से सार्वजनिक शौचालय निर्माण शुरू किया।लाखों रुपए खर्च होने के बाद केवल ढांचा ही खड़ा हो सका। सेफ्टी टैंक, शौचालय कक्ष आज भी अपूर्ण है। सेफ्टी टैंक जहां खुला हुआ है। बरसात का पानी अन्दर और बाहर से टैंक के अंदर जमा हो रहा है। इतना ही नहीं सार्वजनिक शौचालय का ढांचा तो खड़ा हो गया किंतु पाइप लाइन, शीट, टोटी आज तक नहीं लगाया गया। सार्वजनिक शौचालय के नाम पर खड़ा किया गया ढांचा विभाग को आईना दिखा रहा है।अब सवाल यह है कि जब मुख्य विकास अधिकारी के आदेश की यह दशा है तो अन्य विकास कैसे होता होगा आसानी से समझा जा सकता है।
सार्वजनिक शौचालय के कक्ष की साइज पर उठ रहे सवाल
लाखों रुपए की लागत से निर्माणाधीन सार्वजनिक शौचालय का कमरा बहुत ही छोटा है। यहां महिला पुरुष के लिए अलग अलग कुल 8 कमरों का निर्माण किया गया है।इसकी साइज इतनी छोटी है कि शौच के लिए बाल्टी आदि रखने के बाद इसमें घुसना मुश्किल है।
निर्माण के दौरान नहीं डाली गई पाइप
भवन निर्माण के समय ही पानी आपूर्ति और निकासी के लिए पाइप आदि का कार्य पूरा होता है।इतना ही नहीं दरवाजा भी दीवाल निर्माण के साथ साथ लगाया जाता है। किन्तु इस मानक की यहां अनदेखी की गई है।अब अलग से दीवाल काटकर आपूर्ति पाइप लाइन और शौच आदि से पानी बाहर निकालने के लिए दीवाल तोड़ने से जहां असर पड़ेगा वहीं लागत बढ़ जाएगी। सार्वजनिक शौचालय का निर्माण क्यों रुका हुआ है जानकारी की जा रही है। शौचालय देखने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। बृजेश तिवारी एडीओ पंचायत जलालपुर।